Monday, February 27, 2012

सशक्त स्थायी समिति ने किया था भूमि का चयन


अररिया : ठोस कचरा प्रबंधन के लिए 12वीं वित्त आयोग की राशि से खरीद की भूमि का चयन सशक्त स्थायी समिति ने किया था। यह निर्णय स्थायी समिति ने बीते 5 जनवरी 2010 को पारित प्रस्ताव संख्या 0, कंडिका 2 के आलोक में लिया था। इसके बाद समिति की बैठक में मुख्य पार्षद ने अपने साथी सदस्यों को संबोधित करते हुये बताया कि उक्त बैठक में एक माह के अंदर ठोस कचरा प्रबंधन की जमीन खरीदना है। परंतु समयाभाव के कारण किसी अन्य जगह जमीन तलाशना मुश्किल है। इसलिए उनके पड़ोसी ओम प्रकाश भगत तथा राज कुमारी देवी की जमीन खरीदना है। क्रय से पूर्व जमीन की सारी वस्तु स्थिति से अन्य सदस्यों को अवगत करा दिया जायेगा। इसी संबोधन को स्थायी समिति ने अपना निर्णय मानते हुए जमीन खरीद के लिए अपनी-अपनी स्वीकृति दे दी। लेकिन इन सदस्यों को यह नहीं मालूम था कि उक्त जमीन कई टुकड़ों में विभाजित है तथा 191 डिसमिल जमीन में 35.40 जमीन भी कम है। इस बात का खुलासा अंचल पदाधिकारी द्वारा मापी कराने बाद सौंपी गयी रिपोर्ट से भी हुआ है। जिला पदाधिकारी को सौंपे गए रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्तमान में उक्त जमीन पर गेहूं की फसल लहलहा रही है तथा जमीन के बीचोबीच होकर एक सरकारी नहर एवं बगल होकर उत्तर दिशा की ओर एक छहर गुजरती है। जो 1.37 डिसमिल के रकबा में शामिल है। नहर एवं छहर की जमीन बिहार सरकार की है।
सवाल तो यह है कि जमीन की अधिक लागत के विरोध में जब एक वार्ड पार्षद ने आवाज उठाया था उस समय स्थायी समिति क्यों चुप्पी साध ली?

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