Monday, February 27, 2012

जैसा अन्न खायेंगे, वैसा ही मन होगा: स्वामीनाथन

फारबिसगंज (अररिया) : लोग जैसा अन्न ग्रहण करते हैं वैसा ही उनका मन भी हो जाता है। भोजन खुशनुमा माहौल में बनाया एवं खाना चाहिए। शरीर को उचित उर्जा मिले इसके लिए जरूरी है कि भोजन और पानी की महत्ता को समझे। भोजन हमेशा ही सूर्य उदय के बाद तथा सूर्यास्त के पहले करना लाभप्रद होता है, पानी हमेशा गुनगुना तथा भोजन के कुछ देर बाद ही पीना चाहिए इससे पाचन क्रिया प्रभावित नहीं होती है। भोजन के तुरंत बाद पानी पीना हानिकारक हो सकता है उपरोक्त बातें रविवार को प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में स्थानीय भागवत बाबू के गोला में आयोजित तीन दिवसीय 'स्वस्थ एवं खुशनुमा जीवन शिविर' के तीसरे दिन के सत्रों में नवी मुंबई के पधारे ट्रेनर ब्रह्मा कुमार ईवी स्वामीनाथन ने कही। सत्र की शुरूआत में लोगों को तीन व्यायाम का अभ्यास करवाया गया। माईग्रेन, हेडेक, को कम करने, एंडोकाइम सिस्टम को दुरूस्त करने तथा मस्लस, बान को दुरुस्त रखने के उपाय राजयोग के द्वारा बताया गया। बच्चों के सत्र में उन्होंने इंजीनियरिंग का फार्मूला बताया। कहा कि स्कूल कालेज में बच्चों को पढ़ाई की विधि नही बतायी जाती है, जो आवश्यक है। उन्होंने बच्चों को देशप्रेम, माता-पिता एवं शिक्षकों के आदर, सम्मान की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय की स्थानीय शाखा संचालिका रूकमा दीदी, विराटनगर के अजय भाई, जोगबनी के मनोज भाई, नाजाद शत्रु अग्रवाल, शारदा दीदी, अशोक डवरी वाला, पप्पू डालमिया, रंजू डालमिया, कुलानंद चौधरी सहित अन्य भाई-बहन पूरे तन्मयता के साथ कार्यक्रम के सफल संचालन में अपना योगदान दिया। इधर कार्यक्रम के दौरान भारी संख्या में महिला, पुरुष व बच्चे उपस्थित होकर स्वामी जी के संबोधन से लाभ उठाया।

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