Tuesday, February 14, 2012

गरीब मरीज हलकान, नहीं खुली जेनेरिक दवा दुकान

कुसियारगांव (अररिया) : सरकार के निर्देश के बावजूद सदर अस्पताल अररिया में सस्ते दामों पर मरीजों को जीवन रक्षक दवा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जबकि पिछड़ा जिला अररिया में एक बड़ी आबादी स्वास्थ्य सेवा के लिए सदर अस्पताल पर निर्भर है। जिस कारण पैसे के अभाव में यहां आने वाले कई मरीज दम तोड़ देते हैं। लेकिन आधे मूल्य पर बेचे जाने के लिए निर्धारित जेनेरिक दवा दुकान अभी तक यहां शुरू नहीं हो पाया है। सदर अस्पताल अररिया में रोजाना बड़ी संख्या में गरीब मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। उसमें अधिकांश मरीज ऐसे होते है जिन्हें दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं होते, बावजूद न तो सदर अस्पताल में सरकार द्वारा निर्धारित सभी दवा उपलब्ध है और न ही अस्पताल में आधी कीमत पर बेचे जाने वाले दवा दुकान ही खोली जा सकी है। हालांकि वर्षो पूर्व भवन बन कर तैयार है जो अब टूटती फूटती जा रही है। ज्ञात हो कि सदर अस्पताल सहित सभी प्रखंड मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवा की सरकारी दुकानें संविदा के आधार पर खोली जानी है जहां आधी कीमत पर दवा गरीबों को दी जानी थी, उक्त दवाओं पर सरकार को देय टैक्स माफ होता है, लेकिन अभी तक सदर अस्पताल में यह व्यवस्था नहीं शुरू हो सकी है। वहीं अस्पताल प्रबंधक विकास कुमार बताते हैं कि जो दवा यहां उपलब्ध होती है उसे मरीजों को दिया जाता। कुछ दवा हेमेसिल स्लाइन आदि अलग से गरीब मरीजों को दे दिया जाता है। इस संबंध में प्रभारी सिविल सर्जन डा. अखिलेश शर्मा बताते हैं कि जेनेरिक दवा की दुकान चलाने के लिए प्रयास जारी है, कुछ ऐसे लोगों को ट्रेनिंग भी दिया जा रहा है। हालांकि अधिकतर दवा सभी सरकारी अस्पतालों में भेज दिया गया है।

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