Sunday, April 8, 2012

कटिहार व अररिया में ओलावृष्टि ने मचाई तबाही


कटिहार/अररिया : शुक्रवार को आसमान से गिरे ओले ने कटिहार एवं अररिया जिले में कहर बरपा दिया है। अचानक हुई ओलावृष्टि ने आम-जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। लोग जब तक कुछ समझते, आकाश से बर्फ के वजनी गोले टपकने लगे। इन गोले का वजन पाव भर से लेकर एक-दो किलोग्राम तक थे। हक्के-बक्के व भयभीत लोगों ने जहां-तहां छिपकर अपनी जान बचाई। भारी तबाही की संभावना को देखते हुए कटिहार व अररिया के जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडलाधिकारी व प्रखंड विकास पदाधिकारी को स्थिति का जायजा लेने व तबाही की स्थिति की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
कटिहार में शुक्रवार की देर संध्या लगभग 8.15 बजे आकाश से गिरते बर्फ के गोलों ने जमकर तबाही मचाई। जिले के कई इलाकों में ओलावृष्टि हुई, लेकिन कटिहार शहर में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इधर, डंडखोरा, हसनगंज, प्राणपुर व अन्य प्रखंडों में जमकर ओलावृष्टि की खबर है। हसनगंज के किसान समीर झा ने बताया कि क्षेत्र में एक से दो किलोग्राम वजनी ओले की वृष्टि हुई है। इधर कटिहार शहर के लालकोठी, अमला टोला, शहीद चौक व अन्य हिस्सों में शुक्रवार की देर संध्या सड़कें बर्फ पट गई। ओले ने खपरैल अथवा एस्बेस्टस के छत को चकनाचूर कर दिया। फूस व झोपड़ी वाले घरों में तो ओर भी तबाही हुई है। आकस्मिक ओलावृष्टि से फसलों को भारी क्षति पहुंचने की सूचना है। आम, लीची, गेहूं व मक्का सहित अन्य फसलों को भारी क्षति हुई है।
इधर अररिया में आंधी, तूफान व ओलावृष्टि ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। तेज बारिश के साथ बड़े-बड़े ओले गिरने से खेतों में लगे गेहूं, मक्का व आम की फसलें बर्बाद हो गई हैं। सरसो, तिलहन और अरहर की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। वहीं आंधी में दर्जनों घर उजड़ गए और खेतों में काम कर रहे दर्जनों लोग ओला की चपेट में आने से जख्मी हो गए। गेहूं की फसल की बालियां गिर कर सो गई है तथा मक्का का भी बुरा हाल है। किसान त्राहिमाम कर रहे हैं।
जिले के सिकटी व कुर्साकाटा प्रखंड में ओलावृष्टि में कई लोग घायल हुए हैं। मजरख, ठेंगापुर, कौआकोह, ढेढुआ, भीड़भिड़ी, बरदाहा एवं खोरागाछ पंचायत के कई दर्जन गांव प्रभावित हुए हैं। ओलावृष्टि से बुचाय मंडल, कामेश्वर यादव, धर्मानंद मंडल, मो. हारूण, जगदीश चौधरी आदि दर्जनों लोग जो खेतों में काम कर रहे थे, ओलावृष्टि से बुरी तरह जख्मी हो गए हैं। अचानक ओलावृष्टि को देखकर लोग घर की ओर भागने लगे। कई को इस दौरान चोंटे आई। आधा किलो से पाव भर तक के ओला की बौछार रूक-रूक कर होती रही। ग्रामीण इंद्रानंद शर्मा, भगवान लाल साह, रामजी गुप्त आदि ने बताया कि क्षेत्र में इतना बड़ा ओला कभी नहीं गिरा था। पलासी प्रखंड के उत्तर डेहटी, पिपरा विजवार, कनखुदिया, चहटपुर, चौरी, बरदबट्टा, मियांपुर, नकटा खुर्द आदि पंचायतों में ओलावृष्टि व वर्षा से मक्का गेहूं, तीसी, मसूर आदि फसलों का व्यापक नुकसान हुआ है।

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