Sunday, April 8, 2012

राष्ट्रीय पुस्तक मेला सह रेणु महोत्सव शुरू

अररिया : अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्यकार फनीश्वर नाथ रेणु की धरती अररिया में शुक्रवार से 10 दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला सह रेणु महोत्सव की शुरूआत की गई। मेला का उद्घाटन स्व रेणु की पत्‍‌नी पद्मा रेणु व उप विकास आयुक्त प्रभात कुमार महथा ने फीता काट व दीप प्रज्वलित कर किया। शहर के ऐतिहासिक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस स्टेडियम में आयोजित पुस्तक मेला के उद्घाटन सत्र में छात्रा निधी ने जहां सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया, वहीं मुस्कान मासूम व होबा मासूम ने अतिथियों के लिए स्वागत गान प्रस्तुत किया।
मेला उद्घाटन मौके पर डीडीसी श्री महथा ने कहा कि पुस्तक मेला का आयोजन अररिया के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि रेणु की धरती साहित्यकारों से पटी हुई है। पुस्तक मेला में उन्होंने पुस्तक प्रेमी की अपार भीड़ होने की संभावना जतायी। वहीं पद्मा रेणु उद्घाटन सत्र में बतौर अतिथि बनकर काफी भावुक दिखीं। झारखंड राज्य स्थित चतरा से आये साहित्य प्रेमी चतरा कालेज के सेवानिवृत प्राचार्य इफ्तखार आलम अररिया की धरती पर आकर काफी खुशी जतायी। श्री आलम ने कहा कि यहां नौ रत्‍‌न ही नही सभी महत्वपूर्ण रत्‍‌न हैं। पुस्तक मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष चन्द्रभूषण ने उपस्थित लोगों को जानकारी देते हुए कहा कि पुस्तक मेला के दौरान ही 11 से 15 अप्रैल के बीच रेणु महोत्सव का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल को अररिया पर आधारित निर्मित डावयूमेन्ट्री फिल्म का प्रदर्शन किया जायेगा। मंच पर मौजूद आयोजन समिति के संयोजक राज राघव ने कहा कि मेला में आने वाले लोगों का पुस्तक प्रेम दर्शाता है। श्री राघव ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर का पुस्तक मेला पहली बार आयोजित होना अररिया के लिए गौरव की बात है। कृषि वैज्ञानिक डा. के पी सिंहा ने अररिया के मिट्टी की खुशबू को पूरे दुनियां में फैलाने के लिए साहित्यकार, कलमकार, कवि, बुद्धिजीवी वर्ग, आमलोगों को एक मंच पर आने की अपील की। मंच संचालन मीडिया प्रभारी पांडे जी ने किया।
पुस्तक मेले में तीन दर्जन प्रकाशक व पुस्तक विक्रेताओं के अतिरिक्त वीजन प्यूटोरियल्स, सबशाईन बोर्डिग स्कूल, नवोदय कोचिंग सेंटर के अतिरिक्त कई काउंटर लगाये गये है। उद्घाटन सत्र के मौके पर डा. नवल किशोर दास, हंसराज प्रसाद, बसंत कु. राय, विजय सिंह, अनवरी खातुन, नमिता सिंह, मो. गालिब, एस.एच मासूम, प्रो. बीएन झा, भोला पंडित प्रणयी, डा. सुशील कुमार श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।

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