Sunday, April 8, 2012

आयुष चिकित्सक के सहारे चल रहा स्वास्थ्य शिविर

कुर्साकांटा (अररिया) : आम जनों तक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के निर्देशानुसार 3 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलने वाले स्वास्थ्य चेतना यात्रा में मात्र खानापूरी किए जाने का आरोप ग्रामीण लगा रहे हैं। प्रखंड में आयोजित शिविर में जहां आयुष चिकित्सक इलाज कर रहे हैं वहीं सूचना एवं प्रसार-प्रचार के अभाव में लोग शिविर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिस कारण यह अभियान साकार नहीं हो पा रहा है। गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी स्वास्थ्य चेतना यात्रा के तहत लैलोखर गांव पहुंची तो मरीजों को यह जानकारी नहीं हो पाई कि यह क्या हो रहा है। उस समय तक गांव के लोग भी अपने-अपने काम पर चले गये थे। तब भंडार पाल राजेन्द्र पासवान ने घर-घर जाकर लोगों को जानकारी दी गयी। कई घंटे बाद एक्के-दुक्के लोग आने प्रारंभ हुए। वहीं सरकार गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए जितना सजग है स्वास्थ्य कर्मी उतना ही उदासीन है। इस स्वास्थ्य शिविर में आयुष चिकित्सक रमेश चन्द्र सिंहा जहां रोगियों को देख रहे थे वही एएनएम एवं उनका पति दवाई वितरित कर रहे थे। पंचायत के उप मुखिया मो. अस्फाक ने बताया कि पूर्व से कोई सूचना नहीं रहने के कारण लोग इस सुविधा से वंचित हो रहे हैं। वहीं प्रखंड प्रमुख धनजीत सिंह ने भी स्वास्थ्य विभाग के व्यवस्था पर चोट करते हुए कहा कि ये लोग स्वास्थ्य शिविर के नाम पर मात्र खानापूर्ति करते हैं। इस बाबत स्वास्थ्य प्रबंधक प्रेरणा वर्मा ने बताया कि इसकी जिम्मेदारी प्रभारी चिकित्सक की है। वहीं प्रभारी चिकित्सा प्रभारी ओपी मंडल ने कर्मियों का अभाव बताते हुए आयुष चिकित्सक को शिविर में ड्यूटी देने की बात कही। उन्होंने कहा कि वे खुद पीएचसी, ओपीडी संभालने में लगे हुए हैं। अन्य चिकित्सक छुट्टी पर हैं। ज्ञात हो कि इस जन स्वास्थ्य चेतना यात्रा के माध्यम से ग्रामीण चिकित्सकों के द्वारा स्टाल लगाकर एएनएम की देखरेख में टीकाकरण, प्रसव पूर्व जांच, परिवार नियोजन हेतु उचित सलाह एवं निशुल्क दवाई वितरण किया जाना है। परंतु इन शिविरों में रोगियों की जांच के बजाय रोगियों के हाथ में चंद दवाई थमा खानापूर्ति करते नजर आ रहे हैं।

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