Wednesday, November 2, 2011

चाय व पान दुकानों में भी बिकने लगी शराब


अररिया : इस जिले में शराब शायद वर्जित वस्तु नहीं रही। अब खुले आम इसका 'सेवन' हो रहा है। लाइसेंसी दुकानों की तो बात ही छोड़ दीजिए, ग्रामीण क्षेत्र की किराना दुकान से लेकर शहर की चाय पान तक की दुकान में खुलेआम शराब बेची जा रही है।
जानकारों की मानें तो पहले कई होटलों व परचून की दुकानों में अवैध रूप से शराब बेची जाती थी, अब यह धंधा चाय व पान दुकानों तक पहुंच चुका है।
ग्रामीण क्षेत्रों की बात छोड़ भी दें तो चांदनी चौक से काली मंदिर चौक तक एक दर्जन से अधिक चाय व पान दुकानें हैं जहां सुबह और शाम देशी शराब की बिक्री धड़ल्ले से होती है। काली मंदिर चौक के समीप रेड क्रास सोसाईटी में कई रिक्शावाले भी अपने सवारी को छोड़कर शराब की बिक्री व सेवन में संलिप्त रहते हैं। हर चौक चौराहे एवं चाय व पान दुकानों में धड़ल्ले से की जा रही शराब की बिक्री की जानकारी उत्पाद विभाग को भी है, लेकिन विभाग सब कुछ जानकर भी अंजान बना है। कई बार आम लोगों द्वारा विभाग से अवैध ढंग से हो रही शराब की बिक्री से अवगत कराया भी लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नही हो पायी है। कभी कभी विभाग द्वारा छापामारी कर अवैध ढंग से शराब बेच रहे विक्रेता को पकड़ती भी है तो ऐसे लोगों से शुल्क के रूप एक हजार रूपये वसूल कर उन्हें छोड़ दिया जाता है। उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती।
विभाग की इस कार्रवाई से शराब के अवैध कारोबारियों का मनोबल कमजोर नही होता। क्योंकि यह शुल्क भी अनुज्ञप्तिधारी दुकानदार जमा कर देते हैं।
सूत्रों की मानें तो इस तरह की बिक्री पर विभाग इसलिये चुप है,क्योंकि विभाग के लक्ष्य की पूर्ति के साथ साथ अधिकारियों को मासिक बंधी बंधाई रकम भी मिल जाती है।
इधर हर चौक चौराहों पर हो रही अवैध ढंग से शराब की बिक्री के साथ पियक्कड़ों की तादाद बढ़ गयी है। पियक्कड़ों के बढ़ रहे तादाद से सड़क पर गुजरने वाले लोगों को अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता है। चौक चौराहों पर लड़खड़ाते पियक्कड़ एवं उनके मुंह से निकलती भद्दी गालियों का नकारात्मक असर बच्चों व महिलाओं पर पड़ रहा है।

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