Friday, November 4, 2011

..मोहे दे दो जौवनमा के दान


अररिया : यह बड़े गुलाम अली खां की ठुमरी के बोल हैं कि ..पलकन तीर मारो न सैंया, बार बार तोहे पड़त हूं पैंया, मोहे दे दो जौवनमा के दान। ..बदलती जीवन शैली व कार्यक्षेत्र में स्वयं को फिट रखने के लिए हमेशा जवान नजर आने की चाहत बढ़ रही है। गोरेपन की क्रीम, हर्बल क्रीम आदि की बिक्री में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं, महिला व जेंट्स ब्यूटी पार्लरों की संख्या भी बढ़ रही है।
-रोज खुल रहे लेडीज व जेंट्स ब्यूटी पार्लर:
अररिया व फारबिसगंज जैसे शहरों में दो दशक पहले तक ब्यूटी पार्लर का नाम भी नहीं सुना जाता था। लेकिन अब रानीगंज, जोकीहाट, कुर्साकाटा व नरपतगंज जैसे छोटे बाजारों में भी ब्यूटी व मसाज पार्लर खुल गए हैं। अररिया शहर में दो दर्जन लेडीज व जेंट्स ब्यूटी पार्लर हैं। इनमें हेयर सेटिंग, कटिंग, डाइंग, वाशिंग, फेस मसाज, फेसियल से लेकर ब्लीचिंग तक का प्रावधान है।
शिवम जेंट्स पार्लर के ओमप्रकाश ठाकुर कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति खराब नहीं दिखना चाहता। उनके पार्लर में आने वाले लोगों की फरमाइश रहती है कि फेस को खूबसूरत व स्कीन को फेयर बना दीजिए। अधिकतर लोग फेसियल करवाते हैं। अब केश कटवाने वाले कम हेयर ड्रेसिंग करवाने वाले अधिक आते हैं। इतना ही नहीं परिवर्तन के इस दौर में ब्यूटी पार्लरों ने हेयर कटिंग सैलूनों को गायब कर दिया है।
-महिलाओं में भी बढ़ी युवा व खूबसूरत दिखने की चाहत:
अररिया की ग्रामीण संस्कृति में खूबसूरती जंगल के उस फूल की तरह थी, जो जंगल में ही खिलता व बिखर कर समाप्त हो जाता है। यूं कहिए कि जागरुकता की कमी के कारण आधी आबादी का अधिकांश बचपन से सीधे बुढ़ापे में कदम रख देता था। लेकिन आधुनिकता के इस दौर ने महिलाओं की मानसिकता को भी प्रभावित किया है। पहले महिलाओं में लंबे केश खूबसूरती का प्रतिमान माने जाते थे। लेकिन अब माड दिखने की चाहत में ग्रामीण महिलाएं भी ब्यूटी पार्लर में जाकर हेयर सेटिंग व फेसियल करवाती हैं। साक्षी ब्यूटी पार्लर की ... की मानें तो ..
-सौंदर्य प्रसाधनों की बिक्री में इजाफा: युवा दिखने की चाहत में सौंदर्य प्रसाधनों की बिक्री में भी भारी इजाफा हुआ है। बाजार पर नजर रखने वालों की मानें तो लोग स्कीन की सुंदरता व फेयरनेस के प्रति बेहद कांसस हैं। इसी कारण विभिन्न कंपनियों की फेयरनेस क्रीम, कोल्ड क्रीम, टेल्कम पाउडर, एंटी सेप्टिक क्रीम, ब्यूटी क्रीम आदि की बड़े पैमाने पर खरीद करते हैं। यहां तक कि कई लोग नेपाल के बाजारों से विदेश में बनी एंटी रिंकल क्रीम आदि लाकर उनका प्रयोग करते हैं।
-कार्यक्षेत्र के हालात व टीवी सीरियलों का प्रभाव: समाजशास्त्री डा. सुबोध कुमार ठाकुर का मानना है कि खासकर शहरी इलाके में मध्यम वर्ग के उदय एवं पंचायतों में महिला आरक्षण लागू होने के बाद लोगों के के काम के प्रकार में बदलाव आया है। अब महिलाएं भी नौकरी कर रही हैं। वहीं टीवी सीरियलों का भी प्रभाव पड़ रहा है। यही वजह है कि सब युवा व फिट दिखना चाहते हैं।

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