बसैटी (अररिया) : रानीगंज प्रखंड के मोहनी पंचायत स्थित दुलारदेई नदी पर बना लकड़ी पुल पिछले पांच वर्षो से जर्जर रहने के कारण आवागमन बाधित है। लाखों की आबादी महज एक पुल के अभाव में प्रभावित है।
ग्रामीण, मो. जुनेद, शमशाद, हाजी रिजवान, पूर्व मुखिया मंसुर आलम आदि बताते है कि पिछले पांच वर्षो में जन प्रतिनिधि से लेकर प्रशासन तक पुल निर्माण करवाने कि मांग कि गई। परंतु किसी ने कुछ नहीं किया। अब आंदोलन के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है।
वहीं पूर्व जिला पार्षद बेनजीर साकीर ने बताया कि जिला पदाधिकारी स्वयं भेंट कर इन समस्याओं को अवगत कराया गया। यही ही नही अपने समय में जिला परिषद कि बैठक में स्वीकृति भी दिलायी गई थी। परंतु अल्प संख्यक, दलित व महादलित बहुल इलाका होने के बावजूद कोई ठोस पहल नहीं हो सकी। ग्रामीण बताते है कि तीन वर्ष पूर्व गांव में आग लगी थी। दो सौ घर जलकर राख हो गया था। पुल के अभाव में दमकल गांव तक नही पहुंच सकी थी। उन्होने बताया कि अबतक लगभग एक दर्जन लोग पुल पार करने के क्रम में गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। शायद बहुत बड़ा हादसा होने के बाद प्रशासन की नींद खुलेगी। ग्रामीणों ने कहा कि यदि पुल का निर्माण शीघ्र नही हुआ तो आंदोलन करेंगे। ज्ञात हो कि मोहनी, दुर्गापुर, करेला, धोबिनियां, घघरी, बसैटी, कबैय्या, एकरा इस होकर प्रतिदिन जिला व प्रखंड मुख्यालय आते जाते है।
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