अररिया : साक्षर भारत का सपना लगता है अब पूरा होकर ही रहेगा। क्योंकि पिछले तमाम प्रयासों से अलग हटकर एक नये तरीके से प्रयास किया जा रहा है। पूर्ण साक्षरता के लिए फिर एक नयी शुरूआत हो गयी है। पूर्व में अनुदेशक बहाल कर प्रौढ शिक्षा कार्यक्रम चलाया गया। फिर उसके बाद संपूर्ण साक्षरता अभियान ग्रामीण स्वयं सेवकों की मदद से चलायी गयी। पुन: साक्षरों को साक्षर करने की जिम्मेदारी सरकारी शिक्षकों को दी गयी। शिक्षकों को मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना में अक्षरदूत की भूमिका में जोड़ा गया। इन तमाम योजनाओं में सभी ने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सार्थक प्रयास भी किये। बावजूद इसके जितनी सफलता मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पाया है। अब पुन: भारत सरकार ने बिल्कुल नये तरीके से पूरे देश में साक्षर भारत मिशन 2012 चलाया है। इस अभियान की मुद्दत फिलहाल छह माह की है जो मार्च 2012 में संपन्न होगा। साक्षर भारत कार्यक्रम में अररिया के एक लाख पैंतीस हजार असाक्षर महिलाओं को साक्षर करने का लक्ष्य है, जिसमें 15-35 आयु वर्ग की असाक्षर महिलाएं शामिल होगी। प्राथमिकता के आधार पर महादलित, दलित, पिछड़े एवं अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाके में साक्षरता केंद्र खोलने का कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम में एक केंद्र पर दस महिलाओं को एक वीटी के द्वारा साक्षर किया जायेगा। वीटी के रूप में नवमी एवं दसवीं के छात्र छात्राओं को जोड़ा गया है जो उसी गांव और समाज के हैं। प्रत्येक पंचायत में 50-60 केंद्र खोले जा रहे हैं। जहां पर बुनियादी साक्षरता, समतुल्यता, कौशल विकास एवं सतत शिक्षा कार्यक्रम चलाये गये। हर पंचायत में दो-दो प्रेरक की नियुक्ति की गयी है जो पंचायत में खुलने वाले लोक शिक्षा केंद्र की देखरेख करेंगे। प्रत्येक लोग शिक्षा केंद्र पर पढ़ने लिखने, खेलने कुदने एवं मनोरंजन के लिए वाद्य यंत्र मौजूद रहेंगे। आगामी छह मार्च को सभी पंचायतों में महापरीक्षा का आयोजन किया जायेगा। दसवीं वर्ग के जिन छात्र-छात्राओं को साक्षर भारत में वीटी के रूप में जोड़ा गया है उन्हें मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा में अतिरिक्त दस अंक दिया जायेगा। साक्षर भारत कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता है कि जिला से पंचायत स्तर तक की सभी कमेटियों में चुने हुए जनप्रतिनिधि व अध्यक्ष को दायित्व सौंपा गया है। साथ ही अनुश्रवण एवं प्रशिक्षण के लिए जिले में सोलह केआरपी, पचीस आरपी एवं चार सौ छत्तीस प्रेरक लगाये गये हैं।
जिले में प्रखंडवार लक्ष्य
निर्धारित किया गया है। अररिया में 18700 महिलाओं के लिए 1870 केंद्र खुलेंगे। फारबिसंगज 19940 के लिए 1994 केन्द्र, नरपतगंज में 18020 महिलाओं के लिए 1802 केन्द्र, भरगामा में 12500 के लिए 1250 केन्द्र, जोकीहाट में 16840 के लिए 1684 केन्द्र, पलासी में1320 के लिए 1302 केन्द्र, सिकटी में 8780 के लिए 878 एवं कुर्साकाटा में 8160 असाक्षर महिलाओं के लिए 816 केंद्र खोले जायेंगे।
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