अररिया : बुधवार को जिला पेंशनर समाज के बैनर तले विभिन्न मांगों के समर्थन में पेंशनधारियों ने समाहरणालय परिसर में एक दिवसीय धरना दिया। धरना की अध्यक्षता समाज के जिलाध्यक्ष डा. नवल किशोर दास नवल ने की। धरना स्थल पर वक्ताओं ने कहा कि सरकार या प्रशासन बुजुर्गो के साथ अन्याय करना बंद कर दे। बुजुर्ग वक्ताओं ने कहा कि सिर्फ राजनीतिक दलों व संगठनों के लोग ही आंदोलन नहीं कर सकते हैं बल्कि बुजुर्गो की चट्टानी एकता आंदोलन को नया आयाम दे सकती है। धरना को संबोधित करते हुए डा. दास ने कहा कि पेंशनरों को दिया जा रहा चिकित्सा भत्ता एक सौ से बढ़ाकर तीन सौ रूपये किया जाये। वहीं वक्ताओं ने कहा कि एक अप्रेल 2007 से 2009 के अगस्त तक सेवानिवृत होने वाले कर्मियों को नये पेंशन के तहत दस लाख रूपये की सीमा तक उपादान स्वीकृत किया जाये। धरना के बाद डीएम के नाम मांगों का ज्ञापन भी सौंपा गया। इस अवसर पर समाज के सचिव राजमोहन सिंह राघव, संयुक्त सचिव चौधरी भगवंत, जगदीश चौधरी, सविता सिंह, भुवनेश्वर प्रसाद यादव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। मौके पर मुख्य रूप से विद्यानंद झा, ताराकांत झा, मो. हसीब, मो. हसन, देवेन्द्र नाथ दास, असगरी बेगम, अखिलेश्वर कुमार, विद्या भगत, कलानंद दास आदि मौजूद थे।
Thursday, February 9, 2012
मांगों को लेकर पेंशनधारियों ने दिया धरना
अररिया : बुधवार को जिला पेंशनर समाज के बैनर तले विभिन्न मांगों के समर्थन में पेंशनधारियों ने समाहरणालय परिसर में एक दिवसीय धरना दिया। धरना की अध्यक्षता समाज के जिलाध्यक्ष डा. नवल किशोर दास नवल ने की। धरना स्थल पर वक्ताओं ने कहा कि सरकार या प्रशासन बुजुर्गो के साथ अन्याय करना बंद कर दे। बुजुर्ग वक्ताओं ने कहा कि सिर्फ राजनीतिक दलों व संगठनों के लोग ही आंदोलन नहीं कर सकते हैं बल्कि बुजुर्गो की चट्टानी एकता आंदोलन को नया आयाम दे सकती है। धरना को संबोधित करते हुए डा. दास ने कहा कि पेंशनरों को दिया जा रहा चिकित्सा भत्ता एक सौ से बढ़ाकर तीन सौ रूपये किया जाये। वहीं वक्ताओं ने कहा कि एक अप्रेल 2007 से 2009 के अगस्त तक सेवानिवृत होने वाले कर्मियों को नये पेंशन के तहत दस लाख रूपये की सीमा तक उपादान स्वीकृत किया जाये। धरना के बाद डीएम के नाम मांगों का ज्ञापन भी सौंपा गया। इस अवसर पर समाज के सचिव राजमोहन सिंह राघव, संयुक्त सचिव चौधरी भगवंत, जगदीश चौधरी, सविता सिंह, भुवनेश्वर प्रसाद यादव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। मौके पर मुख्य रूप से विद्यानंद झा, ताराकांत झा, मो. हसीब, मो. हसन, देवेन्द्र नाथ दास, असगरी बेगम, अखिलेश्वर कुमार, विद्या भगत, कलानंद दास आदि मौजूद थे।
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