जोकीहाट (अररिया) : गैरकी पंचायत अंतर्गत रहड़िया के ग्रामीण बकरा के कटाव का दंश झेल रहे हैं। विगत सालों में कटान से बेघर हुए दर्जनों परिवार आज भी खानाबदोश की जिन्दगी जीने को मजबूर हैं।
गांव के दो दर्जन परिवार भूमिहीन हो गए हैं तथा सरकारी स्कूलों ,मदरसों व अस्पताल भवनों में रहकर
जीवन बसर कर रहे हैं।
बकरा के कटान से गांव की सूरत ही बिगड़ गई है। ग्रामीण पप्पू व शाहनवाज आदि ने बताया कि कई कच्चे पक्के मकान नदी में समा गये हैं। कृषि योग्य जमीन के नदी में विलीन हो जाने से कृषक मजदूरी पर उतर आये हैं। दर्जनों लोगों ने बेकार होकर दिल्ली ,पंजाब व मुबंई की राह पकड़ ली है। ग्रामीण अफरोज ने बताया कि सरकार मनरेगा जैसी योजना में करोड़ो की राशि पानी की तरह बहा रही है अगर इस राशि का उपयोग नदी तट के किनारे बांध बनाने में किया जाता तो गांव के दर्जनों परिवारों को बकरा के कटान से बचाया जा सकता है।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि बाढ़ के दिनों में कटान के नाम पर जल नि:सरण विभाग द्वारा बोरी में बालू भरने के नाम पर खूब रुपये बनाये जाते हैं। कटाव निरोध कार्य के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। अगर सरकार रहड़िया जैसे गांव को बकरा नदी के कटान से बचाने के लिए उपाय नहीं करती तो प्रखंड के नक्शे से गाव का अस्तित्व ही मिट जाएगा।
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