Monday, April 9, 2012

सड़ रहा धान, नहीं भेजा जा रहा राईस मिल



फारबिसगंज (अररिया) : प्रखंड के किसानों तथा पैक्सों से कृषि विभाग द्वारा खरीदी गई करीब 10 हजार क्विंटल धान को राइस मिलों में भेजे जाने का मामला कागजी पेंच में फंस गया है। फारबिसगंज के पूर्व प्रखंड कृषि पदाधिकारी (बीएओ) मकेश्वर पासवान के समय में खरीद की गई इस धान का प्रभार नये प्रभारी बीएओ सचिदानंद मेहता ने लेने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि धान की वास्तविक खरीद और कागजी आंकड़ों में गड़बड़ी है जिस कारण वे प्रभार नहीं ले रहे हैं। पूर्व बीएओ के समय खरीदी गई इस धान का प्रभार नहीं लिए जाने के कारण इसे राइस मिल में भी नहीं भेजा जा रहा है। इधर बड़ी मात्रा में धान की बोरी खुले आसमान के नीचे बरसात के पानी में भींग कर सड़ने लगे हैं। शनिवार को एसएफसी के जिला प्रबंधक राम बालक प्रसाद तथा फारबिसगंज एसडीओ जीडी सिंह की बैठक में इस समस्या पर विमर्श भी हुआ है। बैठक में धान खरीद के आंकड़ा में पायी जा रही गड़बड़ी की जांच का भी निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी तक धान की समस्या का समाधान नहीं हो सका है। जिला प्रबंधक राम बालक प्रसाद ने कहा कि एक सप्ताह में इस समस्या का हल निकाल लिया जायेगा। श्री प्रसाद ने धान खरीद के आंकड़ों में गड़बड़ी पाये जाने की पुष्टि की तथा कहा कि गहन जांच कर गड़बड़ी को ठीक कर लिया जायेगा। श्री प्रसाद ने बताया कि फारबिसगंज प्रखंड में कृषि विभाग द्वारा कुल करीब 13990 क्विंटल धान किसानों तथा पैक्सों से खरीद की गई है। जिसमें से पूर्व बीएओ मकेश्वर पासवान द्वारा खरीदी गई करीब 11841 क्विंटल धान में से करीब 1848 क्विंटल धान राइस मिलों को पूर्व में भेजा जा चुका है। इसके अलावा सच्चिदानंद मेहता के समय में भी धान खरीद की गई है। प्रभार लेने के फेर में फंसे हजारों क्विंटल धान विभिन्न गोदामों से लेकर खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। खरीदे गए धान को फारबिसगंज के तीन राइस मिल महावीर फूड प्रोडक्ट्स, शिव विजय उद्योग तथा अशोक ट्रेडिंग को विभाग द्वारा बेचा जाना है। जहां प्रत्येक दिन प्रत्येक मिल में पांच सौ क्विंटल तक धान विभाग को भेजना है। लेकिन धान भेजने और मिल में धान लेने की रफ्तार बेहद धीमी है।

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