Wednesday, April 11, 2012

औरतें ही बन रही औरत की दुश्मन


अररिया : नेपाल की तराई से लेकर सीमावर्ती जिला अररिया मानव व्यापार की व्यापक मंडी बनता जा रहा है। इस मंडी के सौदागर सुदूर स्थानों में रह कर रिमोट से अपना कारोबार चलाते हैं। चाहे भदोई का कालीन उद्योग हो या महानगरों में भीख मंगवाने का काम या फिर पोर्न की दुनियां का सेक्स रैकेट, अररिया व आसपास का इलाका ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बड़े सप्लाई जोन में तब्दील हो रहा है।
धंधे के सौदागर अपने दलालों के माध्यम से यहां के गरीब मां- बाप को अमीरी का सब्जबाग दिखा कर उनके बच्चों को बालश्रम, देह व्यापार व भिखमंगई की अंधेर नगरी में भेजने का काम तो धड़ल्ले से कर ही रहे थे, अब कमसिन लड़कियों को मानव व्यापार के दलदल में धकेलने वाले गिरोह की सक्रियता भी बेहद बढ़ गयी है।
विडंबना है कि इस कार्य में औरत ही औरत का दुश्मन बन रही है। समाजिकता का आवरण ओढ़ी कई औरतें महज कुछ रुपयों का लोभ दिखा कर नाबालिग लड़कियों को अपने जाल में फांस लेती हैं। वहीं, चंद पैसों की लालच में कई ग्रामीण औरतें अपने ही जिगर के टुकड़े को बेचने से नहीं हिचकती हैं। चार दिन पूर्व कुर्साकांटा के ओमिया देवी ने अपनी पुत्री को 5 हजार रुपये में बेच दी। इसी के माध्यम से पुलिस के हत्थे चढ़ी दरभंगा माधोपुर की रहने वाली फुलो देवी कई लड़कियों को बहला फुसला कर बेच दी। फुलो की सहयोगी ओमिया देवी की बहन बुचिया देवी के घर एक 12 वर्षीया बच्ची को बरामद करने में सफलता पायी है। जिले में ओमिया, फुलो, बुचिया जैसी औरतें अनेक हैं जो सामाजिक आवरण में रहकर ही मानव व्यापार जैसी अनैतिक कार्यो को अंजाम दे रही है। वर्ष 2008 में बसैटी के फुलेश्वर पासवान की पुत्री रूबी कुमारी को उत्तर प्रदेश के किसी दलाल को हाथों बेच दिया गया था। इसे संयोग ही कहें कि सूचना मिलने पर कुछ सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने लड़की को ले जाने के क्रम में बरामद कर लिया। मधुरा पश्चिम के द्रोपदी कुमारी को उसकी मां और सौतेली मां ने सुपौल में बेच दी थी। बरामद होने के बाद न्यायालय में केस भी दर्ज की गयी जो लंबित है। ढोलबज्जा के याकुब खान की पुत्री रूबेदा को जोर जबरदस्ती किसी ने उठाया और बेचने के लिये ले जा रहा था। पिछले वर्ष ही फारबिसगंज के मो. रफीक की पुत्री नाजनीन को बेचने के लिये दलाल गुजराज और लखनऊ ले गये। लेकिन दलाल को फारबिसगंज के रेलवे स्टेशन पर लाकर छोड़ा गया। मानव व्यापार के ऐसे मामलों से जुड़े डेढ़ दर्जन प्राथमिकी आज भी न्यायालय में विचाराधीन है। पिछले माह ही अररिया के एसपी शिवदीप लांडे ने फारबिसगंज स्थित देह व्यापार की मंडी से 71 महिला व पुरुष को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। जिसमें कई नाबालिग लड़कियां भी शामिल थी। इससे पहले भी कई नाबालिग लड़कियों को मानव व्यापार के दलदल से मुक्त कराया गया। वहीं नेपाल के तराई क्षेत्रों में कमीशन व नाबालिग लड़कियों के सौदागरों का नेटवर्क दुनियां के कई बड़े-बड़े शहरों तक है। सौदागर गरीब मां-बाप को झांसा देकर उनकी लड़कियों को अरब के देशों के अमीरों के पहलूओं में भेज रहे है। हाल के वर्षो में जोगबनी सीमा पर ऐसी लड़कियों को कई बार मुक्त कराया गया है।

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