Sunday, May 13, 2012

दस वर्ष में डेढ़ दर्जन एसएसबी जवानों की मौत


बथनाहा (अररिया), : बथनाहा में एसएसबी कैंप खुलने के उपरांत दस वर्षो के दरम्यान करीब डेढ़ दर्जन जवानों की विभिन्न कारणों से अब तक मौत हो चुकी है। जिसमें एक महिला जवान भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि बथनाहा में वर्ष 2001 में एसएसबी 19वीं बटालियन की तैनाती हुयी थी। एसएसबी 19 वीं बटालियन वर्ष 2010 के मार्च माह तक बथनाहा में रही थी। इस दरम्यान 6 जवानों की मौत हुई। इनमें सर्वाधिक 3 मौत वर्ष 2009 में, 2006 में एक तथा एक मौत 2010 में हुई। इनमें दो जवानों की मौत फायर आ‌र्म्स से, एक की मौत रेल दुर्घटना में तथा एक की मौत का कारण हार्ट अटैक से हुई। एसएसबी में जवान के मौत होने की सबसे पहली खबर वर्ष 2006 में सामने आयी थी। जब त्रिपुरा निवासी सुजित कुमार दास नामक एक जवान का शव जोगबनी स्टेशन के निकट रेलवे ट्रैक के पास से बरामद हुआ था। इसे रेल दुर्घटना समझा गया था। इसके बाद वर्ष 2009 दम्मादिग्घी बीओपी में यूपी निवासी मनोज कुमार की मौत अपने सर्विस रायफल की गोली लगने से हुयी थी। इसी वर्ष फुलकाहा स्थित कंपनी मुख्यालय में मणिपुर निवासी लांस नायक एल कुलबधु सिंह का मृत शरीर अपने बैरक में बेड पर पड़ा मिला था। जिसे बाद में हार्ट अटैक माना गया था। इस घटना के कुछ ही दिनों बाद 19वीं बटालियन के रवानगी से ठीक पहले फरवरी 2010 में असम निवासी लांस नायक रविन्द्र कलिता की मौत भी फायर आ‌र्म्स से हुयी थी। इस घटना के मात्र एक दिन बाद एसआई मैकेनिक हिमांचल प्रदेश निवासी राजेन्द्र कुमार की मौत हो गयी। राजेन्द्र कुमार 56 वर्ष के थे तथा इनकी मौत का कारण हार्ट अटैक बतायी गयी। राजेन्द्र कुमार 24वीं बटालियन में तैनात थे तथा 24वीं बटालियन की बथनाहा में पदस्थापन के पहली टुकड़ी के साथ आए थे। इसके कुछ हीं दिनों बाद दिल बहादुर राय नामक एक जवान की मौत ट्रैक्टर दुर्घटना में कुर्साकांटा से अररिया आने के क्रम में हो गयी थी। इसके बाद गोविंद चीरा नामक एक जवान की मौत छुट्टी में घर जाते समय सफर के दरम्यान हो गयी थी। हवलदार केराव सहारिया की मौत ब्रेन हेमरेज के कारण अक्टूबर 2010 में हो गयी थी। इसके बाद प्रदीप विश्नोई नामक जवान की मौत हुयी थी। एसएसबी की मेडिकल यूनिट में तैनात गौतम गोस्वामी की मौत सड़क दुर्घटना में ही पटना में 2011 में हुयी थी। फिर 2011 के 30 जुलाई को बल में तैनात महिला सिपाही कुमारी नयना रामदास की मौत भी फायर आ‌र्म्स से हुयी थी। कांसटेबल मेशन टिक्कन राम मौत ब्रेन हेमरेज के कारण हुयी थी। इसके बाद आमरे लांस नायक जितेन्द्र कुमार की मौत भी हार्ट अटैक से होने की बात सामने आयी थी।
मगर अब तक की सबसे चर्चित घटना रही चालक ललित मोहन जीना की हत्या। जीना की शव लाहा मुख्यालय से 200 मी. की दूरी पर बथनाहा हाट में पायी गयी थी।
इस घटना को बीते अभी 40 दिन ही हुआ था कि गंभीर सिंह गुर्जर नामक जवान ने आत्म हत्या कर पूरे बटालियन को सकते में ला दिया। उल्लेखनीय है कि बथनाहा में एसएसबी की पदस्थापना 2001 के अंत में हुयी थी। तब एसएसबी 19वीं बटालियन की तैनाती की गयी थी। जिसका मार्च 2010 में सिक्किम में स्थानांतरण हो गया तथा सिक्किम में मौजूद 24वीं बटालियन की पदस्थापना बथनाहा में की गयी। 24वीं बटालियन की पदस्थापन के दो वर्षो के दरम्यान अबतक कुल 11 जवानों की मौत की खबर है।

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