Tuesday, January 4, 2011
दिघली पंचायत: आज तक न बिजली न शुद्ध जल मिल पाया लोगों को
पलासी(अररिया) : मुख्यालय से महज छह किमी उत्तर स्थित अल्पसंख्यक बहुल पंचायत दिघली आज भी विकास की रोशनी से कोसों दूर है। पंचायत जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक उदासीनता के कारण यहां के लोगों को मूलभूत सुविधा तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। प्राप्त जानकारी अनुसार करीब दस हजार की आबादी वाले दिघली पंचायत में मुस्लिम, यादव, अत्यंत पिछड़ी व अनुसूचित जाति की बड़ी आबादी निवास करती है। किंतु शिक्षा के नाम पर इस पंचायत में एक प्राथमिक व एक मध्य विद्यालय ही उपलब्ध है। स्वास्थ्य व्यवस्था भी नगण्य है। सड़क के नाम पर एक मात्र मुख्य पक्की सड़क झाला पलासी पथ उपलब्ध है। जबकि एक टोले से दूसरे टोला जाने में बरसात के मौसम में आम जनों को कठिन दौर से गुजरना पड़ता है। वहीं पंचायत वासियों को आज तक बिजली की सुविधा नहीं मिल पायी है। आज भी पंचायत वासी ढिबरी युग में जीने को विवश हैं। पेयजल के मामले में पंचायतवासी लौह युक्त जल पीने को विवश हैं। जिस कारण लोग पेट संबंधी बीमारी से ग्रसित रहते हैं। वहीं रोजगार के अभाव में पंचायत की अधिकांश आबादी दिल्ली, मुंबई, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में जाकर अपने परिवार के लिए दो जून की रोटी का जुगाड़ करते हैं। ज्ञात हो कि कभी यह पंचायत मिनी चंबल के नाम से कुख्यात था किंतु अब लोग मुख्य धारा से जुड़ चुके हैं। इस पंचायत के दर्जनों अपराधियों को समाज के मुख्य धारा से जोड़ने के लिए तत्कालीन पलासी थानाध्यक्ष एमपी सिंह द्वारा पहल की गयी थी। कई ने विधिवत आत्मसमर्पण किया। किंतु कुछ वैधानिक अड़चन व प्रशासनिक उदासीनता के कारण उक्त पंचायत सहित आसपास के पंचायत के दर्जनों अपराधियों का आत्म समर्पण नहीं हो पाया। साथ ही आत्मसमर्पण के बाद उन्हें सरकार की ओर से आज तक कोई सुविधा नहीं दी गयी है।
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