भरगामा (अररिया) : भरगामा प्रखंड क्षेत्र में अति महात्वाकांक्षी मनरेगा योजना कथित लूट-खसोट व अन्य कारणों से खाओ-पकाओ योजना बन गयी है। स्थिति यह है कि योजना में पारदर्शिता रखने व अन्य तरह के आदेशों का अनुपालन न तो योजना के अभिकर्ता द्वारा और न ही अन्य कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस तरह की किसी भी अनियमितता पर अंकुश लगाने की जगह अधिकारी मामले से अंजान व उदासीन बने हुए हैं।
करीब तीन चार माह पूर्व खजुरी पंचायत के सरपंच टोला में योजना से सड़क में मिट्टी भराई तथा ईट सोलिंग करवाया गया। पारदर्शिता बनाये रखने हेतु कार्य स्थल पर कार्य के प्रारूप से जुड़ा सूचनापट (जिसमें योजना की राशि, अभिकर्ता का नाम आदि दर्ज किया जाना है) कार्य प्रारंभ से पूर्व लगाया जाना था। लेकिन कार्य संपन्न होने के तीन चार माह बाद भी इस तरह की कोई सूचना नहीं दी गयी तथा सूचना पट सादा पड़ा है। कार्यक्रम पदाधिकारी राम गंगा ने इस तरह के किसी भी मामले से साफ इंकार किया है। जबकि प्रखंड मुख्यालय से सटे ब्राह्माण टोला में बनायी गयी सड़क एवं महादलित टोले में निर्मित सड़क और कार्यस्थल पर लगाया गया सूचना पट कार्य के नाम पर की गयी मनमानी व लूट की कहानी सुनाता प्रतीत होता है।
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