भरगामा (अररिया) : प्रशासनिक चौकसी एवं अधिकारियों के देख-रेख के बाद भी प्रखंड क्षेत्र में खाद्यान्न कालाबाजारी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थिति यह है कि खाद्यान्न के कालाबाजारी हेतु प्रखंड तथा इसके सीमावर्ती क्षेत्र, माफियाओं के लिये सुरक्षित जोन बना हुआ है।
जहां एफसीआई से लेकर अन्य तरह के खाद्यान्न का कालाबाजारी व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। ऐसा नही है कि इसकी सूचना प्रशासन को नहीं है। चंद महीने पूर्व भरगामा थाना क्षेत्र के हीं सुपौल के जदिया एवं मधेपुरा के श्रीनगर थानाक्षेत्र के खजुरी में ग्रामीणों के सहयोग से कालाबाजारी में जा रहे खाद्यान्न के एक बड़े खेफ को पकड़ा।
पुलिस ने घटना स्थान से ही बासुदेव मंडल नामक एक डीलर की गिरफ्तारी भी की। जैसा कि बताया जा रहा है इस उद्भेदन के बाद कालाबजारी पर काफी हद तक अंकुश लगा तथा खाद्यान्न माफियाओं ने पैर भी पीछे किये। किंतु महज थोड़ी हीं दिन बाद स्थिति पूर्ववत हो गयी। ऐसी निरंकुश हो चुकी व्यवस्था या माफियाओं के सशक्त नेटवर्क ही कहेंगे कि कालाबाजारी का यह धंधा निर्वाह गति से चलता रहा। करीब दो महीने पूर्व मानुलहपट्टी पंचायत में ग्रामीणों के सहयोग से हीं खाद्यान्न जप्त किया गया। इसी तरह करीब दो दिन पूर्व इसी पंचायत में खाद्यान्न
जब्ती का भी एक और मामला बना किंतु अज्ञात कारणों से मामला गुम हो गया।
इधर शनिवार को ग्रामीणों के सहयोग से खाद्यान्न बरामदी की इस घटना में एकबार फिर कई सारी सवाल खड़ा कर दिये है। जिसके बाद में प्रत्यक्ष या प्ररोक्ष रूप से स्थानीय प्रशासन की संलिप्ता भी बतायी जा रही है। खाद्यान्न कालाबाजारी की ऐसी घटना पर विराम लगाने से जहां त्वरित या कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है, वहीं प्रशासन का अगला काम देखना बाकी है।
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