Monday, January 3, 2011
आलू वैज्ञानिकों ने किया जिमराही का दौरा
फारबिसगंज(अररिया) : नरपतगंज प्रखंड के सीमावर्ती गांवों में बीते दिनों सैकड़ों एकड़ जमीन पर लगी आलू की फसल के बर्बाद होने की खबर पर रविवार को केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान पटना के डायरेक्टर ने जिमराही सहित कई गांवों का दौरा कर निरीक्षण किया। किसानों को आलू फसल के खराब होने का वजह बताया। हालांकि थोड़ी देर के लिए पीड़ित किसानों के आक्रोश को भी झेलना पड़ा। बाद में समझा बुझा कर उन्हें शांत किया गया। संस्थान के अध्यक्ष डा. आरपी राय के साथ वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. शंभू कुमार, जिला उद्यान पदाधिकारी अनिल कुमार यादव भी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान श्री राय ने किसानों को बताया कि आलू फसल के खराब होने की वजह बीज की गुणवत्ता है। उन्होंने कहा कि फंगस के कारण ही फसल बर्बाद हुआ। वहीं मानसूनी बदलाव भी फसल के खराब होने का कारण हो सकता है। इस मौके पर श्री राय ने कहा कि अच्छे उपज के लिए आगामी छह फरवरी को 20 किसानों की टीम पटना स्थित उनके संस्थान पहुंचे जहां उन्हें आलू की खेती के लिए प्रशिक्षित किया जायेगा। वहीं संस्थान की ओर से किसानों को फरवरी में दस रूपया प्रति किलो आधार बीज तथा 20 रूपया प्रशिक्षित को प्रवर्धन बीज उपलब्ध कराया जायेगा। कहा कि इस प्रशिक्षण के बाद किसान अच्छी किसान अच्छी फसल को उगा पाने में सफलता प्राप्त करेंगे। इधर तत्काल किसानों को रोगग्रस्त पौधे में विलिटाक्स नामक पीड़कनाशी का इस्तेमाल एक लीटर पानी में पांच ग्राम एक एकड़ जमीन पर 400 लीटर पानी का घोल तथा एक हेक्टेयर जमीन पर एक हजार लीटर पानी में तीन किलो दवा का छिड़काव करने की सलाह जिला उद्यान पदाधिकारी अनिल कुमार यादव ने किसानों को दी। हालांकि किसानों ने पूर्व में किये गये दवा के इस्तेमाल से ही फसल को नुकसान होने की वजह को दोहराते रहे। वहीं सरकार से फसल क्षति मुआवजा दिये जाने की बात कर करते है। इस मौके पर रामअवतार यादव, जगदीश यादव, गंगा यादव, घनश्याम यादव, शंभू यादव, योगेन्द्र यादव, मिश्रीलाल यादव, जनार्दन यादव, सदानंद साह, हेमनारायण, साह, प्रकाश मेहता, सरवर जी, राजेन्द्र मंडल सहित भारी संख्या में किसान मौजूद थे।
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