Tuesday, February 15, 2011

बिना स्थल निरीक्षण के तकनीकी स्वीकृति मामले में टूटी प्रशासन की


अररिया : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत जिला परिषद द्वारा वित्तीय वर्ष 10-11 में ली गयी योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति बिना स्थल निरीक्षण के देने के मामले में अब प्रशासन की नींद टूटी है। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन हरकत में आया और बिना स्थल निरीक्षण के 09 योजनाओं के प्राक्कलन पर तकनीकी स्वीकृति देने के मामले में उप विकास आयुक्त ने जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल 2 के कार्यपालक अभियंता समेत चार अधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछा है।
डीआरडीए मनरेगा सेल से जारी पत्र के अनुसार जिप के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी से पूछा गया है कि मनरेगा में अभियंताओं की नियुक्ति के बावजूद आपके द्वारा ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल 2 से प्राक्कलन क्यों तैयार कराया गया? जबकि ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल 2 के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता व कनीय अभियंत से बिना स्थल निरीक्षण के तकनीकी स्वीकृति देने के मामले में स्पष्टीकरण पूछा गया है। डीडीसी ने पत्र में स्पष्ट किया है कि दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण समर्पित नहीं किये जाने की स्थिति में जिप के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी समेत चारों अधिकारी के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जायेगी। डीडीसी ने कार्य प्रमंडल 2 के जिस सहायक अभियंता से कारणपृच्छा है विभाग के अनुसार उनका स्थानांतरण हो गया है कि कारण उनका पत्र भी विभाग में अब तक रिसीव नहीं किया गया है।

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