Monday, February 14, 2011

अनाज व तस्करी सामानों के भंडारण का केंद्र बना जोगबनी


फारबिसगंज (अररिया) : डीआरआई,एसएसबी व अन्य बाहरी एजेंसियों द्वारा जोगबनी में लगातार पकड़े जा रहे कालाबाजारी के अनाज व तस्करी के सामानों से यह स्पष्ट हो गया है कि जोगबनी उक्त माल के भंडारण का मुख्य केंद्र बन गया है। सीमा पर यह खेल बदस्तूर जारी है। इस मामले में प्रशासन की भद पिटने के बाद यह सवाल भी गहराने लगा है कि सीमा पर कालाबाजारी और तस्करी का अवैध कारोबार आखिर कब रुकेगा। इस अवैध धंधे से सरकार को जहां राजस्व का चूना लग रहा है वहीं गरीबों के मुंह के निबाले भी छीने जा रहे हैं।
जोगबनी क्षेत्र खाद्यान्न सहित तस्करी के अन्य सामानों के भंडारण का मुख्य केन्द्र बन चुका है। कई मौकों पर एसएसबी, डीआरआई तथा कस्टम द्वारा बड़े पैमाने पर खाद्यान्न, सुपारी, चाइनीज कपड़े की यहां से हाल के दिनों में बरामदगी हुई है। जबकि उक्त सामानों को नेपाल सीमा से बिल्कुल सटे जोगबनी शहर तथा इसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में खपत होना अस्वभाविक तथ्य है। जिले का फारबिसगंज अनुमंडल मुख्यालय सीमावर्ती क्षेत्र में पूर्णिया के बाद सबसे बड़ी मंडी मानी जाती है। जहां से आस-पास के जिलों में भी खाद्यान्न, सब्जी तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की जाती है। फिर जोगबनी जैसे सीमा पर स्थित छोटे से शहर में भारी मात्रा में भंडारण का क्या औचित्य? अब तक की विभिन्न छापामारियों में हुई बरामदगी के बाद विभिन्न संबंधित एजेंसियों के अधिकारियों ने कहा था कि जब्त सामान कालाबाजारी का है जो तस्करी का नेपाल भेजी जा रही थी। सरकार को हो रहे राजस्व की भारी क्षति के लिये आखिर कौन जिम्मेदार है। जोगबनी से लेकर फारबिसगंज तक में भंडारण के लिये सैकड़ों निजी गोदाम हैं। जिसमें से कइयों में कालाबाजारी का रहस्य छुपा हुआ है। जिसकी सुध लेने का प्रयास कम हीं दिखता है।

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