नरपतगंज (अररिया) : बात सुनने में अटपटी लगती है। लेकिन यह सच है कि हर रोज यहां कच्ची व देशी शराब की दुकानें सजती हैं और रोज जमती है पियक्कड़ों की महफिल। जी हां, यह सब होता है ठीक थाने की पीछे। खानापूर्ति के नाम पर कभी-कभार छापा मारी भी होती है लेकिन यहां कच्ची शराब का कारोबार फैलता जा रहा है। बक्खो पट्टी में रहने वाले ज्यादा परिवार दलित समुदाय से हैं जिनका मुख्य रोजगार अवैध शराब बनाना बन गया है। कच्ची शराब के कारोबारियों ने वर्षो से हाट की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है। जिसे खाली कराने की जहमत कोई नहीं उठाना चाहता। जबकि सरकार की ओर से उन लोगों को बसने के लिए तीन डीसमील जमीन व इंदिरा आवास भी दिया गया है बावजूद उक्त जमीन खाली नही की गई है। सूत्र बताते हैं कि शाम ढलते ही यह मोहल्ला गुलजार हो उठता है और सभ्य लोगों का इस होकर आना जाना मुश्किल हो जाता है। चार बजे के बाद से ही यहा शराबी जमा होने लगते हैं और शाम ढलते ही बाजार गर्म हो उठता है। यहां रोजाना दर्जनों गैलन कच्ची शराब की खपत होती है।
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