सिकटी (अररिया) : सिकटी के लोगों को सरकार के बहुचर्चित लोक सेवाओं के अधिकार का लाभ नहीं मिल पा रहा है। लोक सेवा के अधिकार कानून को व्यवस्था का ग्रहण लग गया है। यहां लंबे समय से दाखिल-खारिज, जाति प्रमाण सहित अन्य कार्य नहीं हो पा रहे हैं।
लोगों का कहना है कि अंचल कार्यालय के टालमटोल रवैये के कारण प्रत्येक दिन घर से प्रखंड मुख्यालय आना पड़ता है। प्रखंड के चक्कर में पैसे व समय दोनों बर्बाद हो रहे हैं। आंकड़ों की नजर में देखें तो जनवरी माह से अभी तक जाति प्रमाण पत्र के प्राप्त आवेदन की सं. 1114 तथा निष्पादन 940 है। जबकि लंबित आवेदनों की संख्या 174 है। वहीं आय प्रमाण पत्र में आवेदन की संख्या 911 तथा निष्पादित 762 है। जबकि 149 आवेदन लंबित हैं। निवास प्रमाण पत्र के लिए प्रखंड में 2040 आवेदन पड़े। इसमें से 1485 निष्पादित हो पाए जबकि लंबित 555 रहे। वहीं दाखिल खारिज के लिए 3436 आवेदन पड़े। इसमें 1485 का निष्पादन हुआ। जबकि लंबित 1951 हैं। एलपीसी 133 आवेदन पड़े निष्पादन 107 जबकि लंबित 26 हैं। वहीं पेंशन संबंधी आवेदन 2478 पड़े, निष्पादन 1447 जबकि लंबित 1031 है। नसीर आलम, रामबोध मंडल, संजय कुमार सहित दर्जनों लाभुकों ने बताया कि प्राप्ति रसीद का प्रिंट अब मिटने लगा है लेकिन आज तक शुद्धि पत्र कहां है किसी भी कर्मचारी को मालूम नहीं है। लाभुक बताते हैं कि आवेदन जमा किए दो माह से ज्यादा हो गया है परंतु उसका आज तक दाखिल खारिज जमा बंदी नहीं खुल पाया है। जबकि आरटीपीएस में दिए गए आवेदन का दाखिल खारिज कर आवेदक को समय सीमा के अंदर निष्पादित कर शुद्धि पत्र खिड़की पर देने का प्रावधान है। इधर अंचलाधिकारी एसके पांडे का कहना है कि अंचल कार्यालय में ढंग के कर्मी नहीं रहने व कर्मी का कमी होने के कारण कार्य निष्पादन में परेशानी हो रही है।
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