Saturday, June 23, 2012

बुझती नहीं प्यास फिर भी है फ‌र्स्ट क्लास


अररिया : बच्चों की बुझती नहीं प्यास फिर भी टेरा फिल्टर है फ‌र्स्ट क्लास। शिक्षा विभाग द्वारा टेरा फिल्टर मामले की जांच की यह कोरी हकीकत है। जांच के पहले चरण में तीन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने टेरा फिल्टर को संतोषप्रद बताया है। जबकि नब्बे फीसदी टेरा फिल्टर में आज तक पानी पहुंचा ही नहीं। ऐसे में पूरी जांच ही सवालों के घेरे में है।
जानकारी अनुसार जिले में एमएसडीपी योजना के तहत 333 विद्यालयों में 33 हजार की लागत से शुद्ध पानी आपूर्ति के लिए टेरा फिल्टर लगाने की योजना बनी। इस योजना के तहत विद्यालय में सिनटैक्स का पानी टैंक और फिल्टर लगाया जाना था। परंतु पूरी योजना में बिचौलयागिरी हावी रही। सिनटैक्स की जगह लोकल कंपनी के पानी टैंक और घटिया क्वालिटी के टेरा फिल्टर विद्यालयों में लगवा दिए गये। इस पूरे खेल में शिक्षा विभाग के एक तत्कालीन अधिकारी और जिला मुख्यालय के तथाकथित आपूर्तिकत्र्ता की भूमिका रही। खैर विद्यालयों में लगे पानी टैंक तक पानी पहुंचाने की जिले में अद्भुत व्यवस्था रही। विद्यालय में मौजूद चापाकल को चलाकर छत पर मौजूद पानी टैंक को भरने की व्यवस्था थी। इस अजीबोगरीब व्यवस्था के कारण अधिकांश विद्यालय में पानी टैंक तक पहुंचा ही नहीं। इसको लेकर विद्यालय प्रधान, रसोईया और चपरासी के बीच तू-तू, मैं-मैं होती रही। अब सवाल उठता है कि जब पानी टैंक तक पहुंचता ही नहीं तो फिर टेरा फिल्टर संतोषप्रद किस प्रकार साबित हो गया। बता दें कि फारबिसगंज में 34 विद्यालय में लगे टेरा फिल्टर में 32 को संतोषप्रद बताया गया है। जबकि दो को आंधी में क्षतिग्रस्त बताया गया है। रानीगंज में 31 विद्यालय की जांच रिपोर्ट सौंपी गयी है। इसमें 30 में फिल्टर की गुणवत्ता संतोषप्रद तथा एक क्षतिग्रस्त बताया गया है। वहीं भरगामा में 26 विद्यालयों में 22 को संतोषप्रद तथा चार में चालू नहीं होने की रिपोर्ट सौंपी गयी है।

0 comments:

Post a Comment