अररिया : गली नुक्कड़ एवं घरों से कचरा निस्तारण के लिए लगाए गए डस्टबीन छह माह में ही कचरा हो गये। ये डस्टबीन अब कचरे की तरह ही यत्र-तत्र नजर आ रहे हैं। कहीं कहीं डस्टबीन लगे हुए भी हैं तो उससे कचरा निस्तारण का कार्य ठप्प पड़ा है।
कचरा निस्तारण की जमीन के अभाव में एक वर्ष पूर्व बोर्ड ने जगह-जगह डस्टबीन लगाने का प्रस्ताव लिया। उस प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से मुहर भी लगी। नौ लाख की लागत से पांच दर्जन डस्टबीन की खरीद हुई। जब डस्टबीन की आपूर्ति हुई तो उसमें एक दर्जन टूटे फूटे एवं पुराने पाए गये। नप कार्यपालक पदाधिकारी राकेश कुमार झा ने आपूर्ति कर्ता को पत्र लिखकर डस्टबीन वापस करने का निर्देश दिया। डस्टबीन वापस भी हुई, लेकिन उस को नये ढंग से रंग पेंट करके कुछ दिन बाद हीं सभी डस्टबीन को स्टैंड पर खड़ा भी किया गया। लेकिन जल्द ही सबके सब बेकार नजर आने लगे हैं। कहीं स्टैंड सहित उखड़ कर बिखरा पड़ा है तो कहीं से डस्टबीन ही गुम हो गये। कहीं उसमें भरा पड़ा कचरा साफ कराने के लिए नप प्रशासन मौन है।
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