अररिया : देश की राजधानी दिल्ली तक गांजा तस्करों का नेटवर्क फैला है। नेपाल में बैठे नशे के सौदागर इसे भारत के कोने-कोने तक फैलाने में जुटे हैं। सुपौल, अररिया, किशनगंज की सीमा से तस्करी के माध्यम से भारत के कोन-कोने तक नशे का सामान पहुंच रहा है। नेपाल की सीमा से सटे अररिया में गांजा के सौदागरों का मजबूत नेटवर्क चल रहा है। इस नेटवर्क में खास कर ग्रामीण क्षेत्रों के पांच हजार से अधिक युवक कार्यरत है।
गांजा के तस्कर आर्थिक रूप से कमजोर एवं बेरोजगार युवकों को लालच देकर इस धंधे में धकेल देते हैं। फिर यही युवाओं को तस्करी के कूरियर के रूप में प्रयोग करते हैं। हाल दिनों में इसके कई उदाहरण सामने आये हैं। पिछले दिनों तारावाड़ी पुलिस ने दभड़ा गांव में गुप्त सुचना के आधार पर एक नेपाली नागरिक समेत दो लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता पायी थी। गिरफ्तारी के दौरान यह खुलासा हुआ था कि नेपाल के पहाड़ी इलाके से सैकड़ों लोग गांजा का गठ्ठर सीमा तक पहुंचाते हैं, फिर उसे छोटे छोटे तस्कर अररिया एवं आस पास के जिलों में पहुंचाने का काम करते हैं। जानकार सूत्रों की मानें तो कोसी के दियारा से भी बड़ी मात्रा में गाजा की आपूर्ति अररिया में की जाती है। बताया जाता है कि नेपाली एवं कोसी के दियारा के गांजा में अलग अलग की पहचान है। यही नहीं नेपाल का गांजा अररिया के रास्ते देश के कई बड़े बड़े शहरों में भेजे जा रहे हैं। तस्करों को मन माफिक व्यापार करने में कहीं न कहीं पुलिस का सहयोग भी प्राप्त होता है। गांजा तस्करों के मजबूत नेटवर्क ने अररिया में हर दशवें युवक को अपने गिरफ्त में ले रखा है। खास कर ग्रामीण इलाकों के युवकों की भागीदारी ज्यादा देखी जा रही है। सुबह हो या शाम हर गली नुक्कड़ में युवाओं की टोली गांजा का आनंद उठाते आसानी से मिल जायेंगे। गांजा के मुरीद पुलिसकर्मियों की भी भारी संख्या है।
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