बसैटी (अररिया) : रानीगंज प्रखंड के घघरी पंचायत वासी आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। एक अदद पक्की सड़क के लिए भी यहां के लोग आज भी सरकार व प्रशासन का मुंह ताक रहे हैं। पगडंडी के सहारे लोग गांव जाते हैं। बरसात के मौसम में तो गांव झील में तब्दील हो जाता है। दुलारदेय नदी के किनारे बसा इस गांव के लोग पुल के अभाव में बैल गाड़ी से नदी पार करते हैं। स्वास्थ्य सेवा की बात सोचना भी बेईमानी है। करीब साढ़े छह हजार की आबादी पूरी तरह नीम हकीमों पर पर आश्रित है। गांव में स्वास्थ्य केन्द्र तक नहीं है। ग्रामीण बताते हैं कि एक उपकेन्द्र है वह भी कागजों पर ही चलता है। कभी-कभार एएनएम दिखाई देती हैं। सदूर ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण पदाधिकारियों का आगमन नहीं के बराबर होता है। विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र सहित अन्य कल्याण कारी योजना को देखने वाला कोई नही है। ग्रामीण परवेज आलम, चंद्रिका प्रसाद सिंह, परवेज आदि का आरोप है कि चुनाव के समय लंबा-लंबा धोतीकुर्ता वाला झूठा गांव के विकास के लिये वायदा करते तो जरूर है परंतु चुनाव जीतने के बाद अपना मुंह भी नही दिखाते।
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