Wednesday, November 23, 2011

खाद की बढ़ी कीमत से किसान परेशान

कुर्साकांटा (अररिया) : केन्द्र सरकार द्वारा रासायनिक उवर्रकों पर सब्सीडी की राशि समाप्त कर दिए जाने के बाद खादों की कीमत में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी से किसानों में निराशा है। मजबूरन में खेती छोड़ने की बात कहने लगी है। मूल्य वृद्धि से इस वर्ष खाद की बिक्री में भी कमी आयी है। गोदाम में खाद रहने के बाद भी बिक्री नही होने के कारण विक्रेता खाद का उठाव नही कर रहे हैं। डीएपी की कीमत 958 रु. प्रति बैग है। वही किसानों को एक क्विंटल धान की कीमत 600 से 700 रु. ही मिल रही है। इसके अलावा पेट्रोलियम पदार्थो में लगातार बढ़ोत्तरी, मजदूरों की कमी, जुताई में अधिक खर्च से किसान परेशान है। सैकड़ों किसान इस बार खेती को अलविदा कहने के मूड में है। जिस प्रकार कीमत बढ़ी है उससे खेती करना संभव नही है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष उवर्रक का मूल्य दो गुना है। यह व्यवस्था हजारों किसानों की है। अब वास्तव में कृषि अधारित इस देश में सर्वाधिक दुर्दशा किसानों के ही क्यों? इस बाबत डीएओ मोहन प्रसाद द्विज ने कहा कि किसान रासायनिक खाद के बदले जैविक खाद का प्रयोग करें।

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