अररिया : चर्चित आईपीएस अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे के पदभार ग्रहण करते ही जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कोई उन्हें सख्त मिजाज तो कोई आम आदमी का हमदर्द बता रहा है। इन चर्चाओं के बीच सबसे बड़ी बात जो उभर कर सामने आई है वह यह है कि बिगड़ी कानून व्यवस्था से आजिज लोगों के मन में इस युवा व तेज तर्रार आईपीएस आफिसर से काफी उम्मीदें बंध गयी है। नये एसपी शिवडीप लांडे के लिए यही सबसे बड़ी चुनौती भी होगी। उन्हें लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। 2006 बैच के नये युवा आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने अपने अल्प कार्यकाल में पटना व मुगेंर में जिस तरह सफलता व चर्चा अर्जित की है,बारूद की ढ़ेर पर बैठे इस सीमावर्ती इलाके के शांति प्रिय लोगों को उनसे काफी उम्मीदें जगी है।
सीमावर्ती अररिया जिले का लगभग 100 मीटर एरिया भारत-नेपाल सीमा की अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ा है वहीं इसकी सुरक्षा के लिए जिले में मात्र 24 थाने। भारत-नेपाल की यह खुली सीमा रेखा जहां दोनों देशों की रोटी-बेटी के रिश्ते का प्रतीक है वहीं कई अपराधों का जनक भी। कई आर्थिक व समाजिक अपराधों की यह सीमा रेखा गवाह बनी है। रोजमर्रा की सामानों से लेकर ड्रग्स व अवैध हथियारों की तस्करी का यह सीमा जहां प्रमुख केन्द्र है वहीं आइएसआई की गतिविधियों का केन्द्र भी रहा है। जबकि यह सीमावर्ती इलाका मानव तस्करी के लिए भी सबसे महफूज जगह बन गया है। अन्य तस्करी के अलावा मानव व्यापार पर रोक भी नये एसपी के लिए महत्वपूर्ण चुनौती होगी। पड़ोसी राष्ट्र नेपाल की गरीब पिछड़ी महिलाओं को नौकरी व आर्थिक लाभ का झांसा देकर बड़े पैमाने पर इस रास्ते भारत के शहरों व विदेशों में भेजे जाते हैं। कई मौकों पर नेपाली लड़कियां रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों पर सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा पकड़ी गयी हैं। वहीं क्षेत्र में आईएसआई का नेटवर्क भी काफी मजबूत रहा है। जाली नोटों की बड़ी खेप भारत में इसी रास्ते से पहुंचते रहे हैं जो अनवरत जारी है।
इधर, संवादहीनता व शिथिलता के कारण यहां के लोगों में पुलिस की नकारात्मक जैसीे छवि बन गयी है उसे भी दूर करना नये पुलिस कप्तान की बड़ी चुनौती होगी।
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