अररिया : नगर परिषद के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी सह सहायक अभियंता अनिल कुमार के कार्यकाल की जांच दो माह बाद भी शुरू नही हुई है। जबकि डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री के आप्त सचिव का व्यय सरकारी प्रेषण संख्या 4828, 14 सितंबर को ही डीएम को जांच के लिए निर्देश दिया गया था। डीएम एम. सरवणन ने पत्र पर एक्शन लेते हुए तीन सदस्यीय अधिकारियों की टीम गठित कर जांच करने का निर्देश दिया। 20 अक्टूबर को पत्रांक 1683/सा.प्र के माध्यम से डीएम ने आदेश जारी किया। लेकिन विडंबना यह है कि जांच कमेटी में शामिल अधिकारियों ने आज तक इस संबंध में किसी प्रकार की प्रक्रिया शुरू नही की।
नप के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अनिल कुमार के विरुद्ध एक वार्ड पार्षद ने हीं नगर विकास विभाग के मंत्री, प्रधान सचिव, वित्त मंत्री सहित डीएम, एसडीओ को भी पत्र लिखकर जांच कराने का अनुरोध किया था। लेकिन निचले स्तर से इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई। पत्र के अनुसार तत्कालीन ईओ पर कचरा संग्रहण केन्द्र बनाने के लिए स्टेशन रोड में खरीदी गई जमीन में लाखों रुपये का गोलमाल करने, नगर परिषद कार्यालय में कर्मियों व वार्ड पार्षदों के रिश्तेदारों की बहाली करने, संवेदक निबंधन में गड़बड़ी करने सहित कई गंभीर आरोप लगाये गए हैं।
डीएम ने जांच कमेटी में उप निर्वाचन पदाधिकारी विजय कुमार सिंह, सदर एसडीओ डा. विनोद कुमार, एवं भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता हैं। जांच कमेटी में शामिल अधिकारियों का कहना है कि व्यस्तता के कारण जांच शुरू नहीं हो पा रहा है।
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