Monday, June 18, 2012

जिले में खुले आम बिकती है मौत


अररिया : पगडेरा में पेट्रोल में लगी आग व उससे चार लोगों की मौत ने कई सवाल खड़े किए हैं। पेट्रोलियम पदार्थो की बिक्री को लेकर एनओसी देने में प्रशासन नौ नखरे करता है, लेकिन क्या अधिकारियों को सड़क किनारे बोतलों में सजाकर बिक रहा पेट्रोल व डीजल नजर नहीं आता। अगर प्रशासन के अधिकारी इस दिशा में चौकस रहते तो पगडेरा की घटना को रोका जा सकता था।
इस घटना में बटेश नाथ झा नामक तेल विक्रेता, उनकी पत्‍‌नी व दो पुत्रियों की आग में झुलसने से दर्दनाक मौत हो गयी थी।
आप जिले में किसी भी सड़क में चले जाइए, फूस की झोपड़ियों में सजी पीली-पीली बोतलें नजर आ जायेंगी। इनमें पेट्रोल रहता है। सब जानते हैं कि पेट्रोल अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ है। फिर इसे इस तरह ओपेनली क्यों बिकने दिया जा रहा है। अब जरा ऐसे दुकानदारों की भी सुनिए: हम लोग तो इमरजेंसी सेवा करते हैं। जब किसी की गाड़ी में पेट्रोल समाप्त हो जाता है तो हम लोग काम आते हैं।
लेकिन जानकारों की मानें तो बात सिर्फ सेवा की नहीं है। ऐसे लोग जरूरतमंद वाहन चालकों से मनमाना पैसा लेकर ही तेल देते हैं तथा दाम का अंतर होने पर नेपाल की ओर तेल की तस्करी करते हैं। ऐसे खुदरा तथा रोड साइड बिक्रेताओं को पंपों से डीजल पेट्रोल की आपूर्ति होती है तथा वे खुलेआम उसे ब्लैक रेट में बेचते हैं। सिंचाई के मौसम में पंप रेट की तुलना में डेढ़ गुना अधिक पैसा लेकर ये ग्रामीणों का शोषण करते हैं।

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