Sunday, June 17, 2012

थाने में बैठकर वारंटी ने दर्ज करायी प्राथमिकी


अररिया : अपराध नियंत्रण निष्पादन के लिए जहां पुलिस महकमा परेशान है वहीं कुछ ऐसे भी पुलिस कर्मी है जो मैनुअल एवं निष्पादन की प्रक्रिया को ताक पर रखकर अपने मन मर्जी से सब कुछ चला रहे हैं। ऐसे कई उदाहरण यहां देखने को मिल जायेंगे। हालांकि पुलिस कप्तान शिवदीप लांडे ने छह माह में ही अररिया में अपराध नियंत्रण में शानदार सफलता हासिल की है। हर आम ओ खास एसपी के कार्यो की सराहना भी कर रहा है।
लेकिन अररिया बैरगाछी ओपी में एक ऐसा मामला देखने को आया, जिस पर चर्चा स्वाभाविक ही है। फरासूत निवासी जैनुद्दीन ने बुधवार को बैरगाछी के ही नजाम, जावेद एवं अमानुल्लाह के उपर दु‌र्व्यवहार एवं छीन झपट का आरोप लगाते हुए थाने में ही पुलिस को बयान दर्ज कराया। इस घटना के पीछे सच्चाई क्या है ये तो जांच का विषय है, लेकिन जैनुद्दीन खुद थाना कांड संख्या 265/08 एवं जीआर कांड संख्या 1165/08 में वारंटी है। न्यायालय ने जैनुद्दीन के विरुद्ध 27 अगस्त 2011 को ही वारंट निर्गत किया है। तब से वारंट तामिला के लिए ओपी में धूल फांक रही है। इस स्थिति में केस निष्पादन की प्रक्रिया के लिए जिम्मेवार पुलिस अधिकारी पर सवाल उठना लाजिमी ही है।
वहीं, ऐसी शिकायतें कई ओपी एवं थाने से अक्सर सुनने को मिलती है। वारंटी के घंटों थाना में रहने के बाद भी उसे गिरफ्तार क्यों नही किया गया?
इस संबंध में ओपी प्रभारी राम अयोध्या राम ने बताया कि उनके पास अब तक वारंट नहीं पहुंचा है। वहीं पीएसआई सज्जाद हुसैन का कहना था कि थाना कांड संख्या 265/08 में छह आरोपी हैं। दो आरोपी को पूर्व में गिरफ्तार कर लिया गया है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई बार छापेमारी की गयी थी। वहीं एसपी ने बताया कि कोई वारंटी अगर पीड़ित होता है तो उसे प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार है, लेकिन पुलिस को उसें गिरफ्तार भी कर लेना था।

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