फारबिसगंज(अररिया) : आने वाले कुछ माह में बिहार में विधान परिषद के करीब दो दर्जन से अधिक सीटें खाली होनी है जिसके बाद नये कार्यकाल के लिए पुन: मनोनयन किया जाना है। इसके साथ एक बार फिर नये पुराने संभावित दावेदारों के चेहरों पर उम्मीदों की रौनक बढ़ गयी है। अररिया जिला से भी भाजपा व जदयू के कई नेता दावेदारों की रेस में हैं जो विधान परिषद की खाली सीटों के लिए अपनी जगह सुनिश्चित करने के लिए कमर कस चुके हैं। जिसमें पूर्व विधायक, विधान पार्षद, पूर्व मंत्री तक के शामिल होने की चर्चा है।
दावेदारों पर गौर करें तो भाजपा के वर्तमान विधान पार्षद डा. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता एक बार फिर सीट हासिल करने के लिए प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। डा. गुप्ता भाजपा के प्रदेश महामंत्री के साथ साथ उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के भी निकटवर्ती माने जाते हैं। नरपतगंज के पूर्व विधायक जनार्दन यादव भी इस रेस में शामिल बताये जा रहे हैं। बीते विधानसभा चुनाव में उस समय के निवर्तमान विधायक जनार्दन यादव का टिकट काटकर देवयंती देवी को दिया गया था जिसने जीत भी हासिल की। श्री यादव तीन कार्यकाल तक नरपतगंज के विधायक रह चुके हैं। रानीगंज के पूर्व भाजपा विधायक तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री रहे रामजी दास ऋषिदेव का बीते विधानसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद इस बार उनकी भी दावेदारी मजबूत मानी जाती है। भाजपा के फारबिसगंज के पूर्व विधायक लक्ष्मी नारायण मेहता भी विधान परिषद सीट के लिए रेस में शामिल हैं। बीते विधानसभा चुनाव में उनका भी टिकट कट गया था। भाजपा जिलाध्यक्ष आलोक भगत भी दावेदारों की रेस में हैं और संगठन से आस लगाये हुए हैं। जदयू के दावेदारों में प्रदेश उपाध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री मंजर आलम भी मजबूत दावेदारों में शामिल हैं। विधानसभा चुनाव में इन्हें भी टिकट हासिल नहीं हो सका। इस बार फिर सीट के लिए एड़ी चोटी एक किये हुए हैं। हालांकि आने वाले कुछ समय में ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि किसके सर बंधेगा सेहरा।
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