सिकटी (अररिया) : सरकार ने बाल मजदूरी प्रथा को नष्ट करने के लिए बाल श्रम उन्मूलन कानून को और कड़ाई से लागू करने की कोशिश में है। मगर विडंबना है सिकटी प्रखंड क्षेत्र के उफरैल, कासत, सिकटी, फुटानी चौक, बरदाहा, कालू चौक, जनता हाट, मील चौक, दहगामा सहित दर्जनों जगहों पर बाल श्रम बेरोक टोक जारी है। बालश्रम कम होने के बजाय और बढ़ रही है जिसे सरकार के बाल श्रम के कई योजनाएं हवा हवाई साबित हो रही है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण ईट भट्ठा व खेतों में काम करते व मासूम बच्चे आसानी से देखा जा सकता है। इसके अलावा प्रखंड क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे खुलेआम होटलों, गैरेज ईट ढुलाई से लेकर कई कार्यो में लगे है। नतीजन प्रखंड क्षेत्र में बचपन कुपोषण, शोषण, उपेक्षा और अशिक्षा के बीच हर दिन कुचला जा रहा है।
इस संबंध में काम या नौकरी पर रख रहे बच्चों के पिता हरी सादा, कुश्वेश्वर राम, बेगाई सदा से पूछने पर बताया कि महंगाई बहुत बढ़ गयी है। यदि बच्चों से काम नहीं करायेंगे तो घर का खरचा कैसे चलेगा? पेट की मार से तबाह कई लोग अपने छोटे-छोटे बच्चे पंजाब, दिल्ली, हरियाणा में काम करने के लिए भेज देते है। तो कई गांव में किसी व्यक्ति के यहां नौकरी पर रखवा देते है। इस संबंध में श्रम प्रवर्तन अधिकारी बताते हैं कि होटल, दुकान ईट भट्ठों में कार्यरत बच्चों से पूछने पर वे खुद को रिश्तेदार बता देते हैं। जिससे उनकी परेशानी बढ़ जाती है।
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