अररिया : जिले में केन्द्र प्रायोजित प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना पर जिला प्रशासन की पकड़ ढीली पड़ जाती है। केन्द्रीय एजेंसी एनबीसीसी द्वारा कराये जा रहे कार्यो की जांच जिला प्रशासन नही कर पा रही है। जानकारी के अनुसार 19 फरवरी 2010 को जिला निगरानी समिति की बैठक में अध्यक्ष सह सांसद ने पीएमजीएसवाय योजना की जांच करने के लिए डीआरडीए निर्देशक व पीडब्लूडी के कार्यपालक अभियंता को टीम में शामिल किया था। जब प्रशासन ने एनबीसीसी के अधिकारियों से प्राक्कलन आदि की मांग की तो जवाब नकारात्मक प्राप्त हुआ। बताया जाता है कि एनबीसीसी ने कहा कि भारत सरकार बिहार सरकार व उसमें एग्रीमेंट है कि पीएम जीएसवाय योजना की जांच केन्द्रीय एजेंसी ही करेगी।
यह मामला एक बार फिर 19 फरवरी 2011 के निगरानी समिति की बैठक में सांसद ने उठाया। बैठक में जाच कराने के लिए समिति ने डीएम को अधिकृत कर दिया। बताया जाता है कि डीएम ने निर्देश प्राप्त होने पर एनबीसीसी के स्थानीय अधिकारी से प्राक्कलन मांगा। उन्होंने इसकी सूचना परियोजना निदेशक को भी दी। इसके एवज में एक बार फिर वहीं जवाब आया। कुल मिलाकर स्थानीय स्तर पर कोई कार्रवाई नही हो सकती है।
इधर जानकारी के अनुसार डीएम ने पूरी वस्तुस्थिति को दर्शाते हुए ग्रामीण कार्य विभाग से पीएमजीएसवाय योजना में अनियमितता की शिकायत पर जांच करने के लिए मार्गदर्शन मांगा है।
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