Sunday, January 1, 2012

पड़ोस में पनप रही उग्रवाद की पौध


अररिया : पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में जारी राजनीतिक अस्थिरता भारतीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा बनता जा रहा है। नेपाल की लचर सुरक्षा व्यवस्था का लाभ उठाकर भारत विरोधी शक्तियां भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ-साथ अब भारत की आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था पर भी चोट के लिए ताना-बाना बुन रही है। भारत के लिए नासूर बने नक्सलवाद को और मजबूत विस्तार देने के उद्देश्य से नेपाल में भारत के प्रभावित इलाकों के गुमराह युवकों को शिविर लगाकर गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एसएसबी 38वीं बटालियन बथनाहा के सेना नायक एकेसी. सिंह ने गोपनीय नक्सली ट्रेनिंग कैंपों की पुष्टि की है और कहा है कि उन्होंने मंत्रालय को इसकी सूचना दी है। इधर, खुफिया सूत्रों के अनुसार भारत सरकार द्वारा किए गए पत्राचार पर नेपाल की माओवादी सरकार ने वहां किसी तरह का नक्सली प्रशिक्षण केंद्र चलाये जाने की बात से इंकार किया है।
छद्म युद्ध व हथियार चलाने का प्रशिक्षण : बिहार व बंगाल की सीमा पर स्थित झापा व इलम जिले के बीच जंगली इलाकों में फिलहाल साढ़े छह सौ नक्सली युवक गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण ले रहे हैं। इनमें आधे से अधिक भारतीय क्षेत्र के युवक हैं। इसके अलावा नेपाल के पांच अन्य जिलों में भी प्रशिक्षण शिविर स्थापित किए गए हैं। इनमें सिंगौली जिले के दुधैली में, चितौना जिले के शांति खोर में, नवल परासी के झलटुंगा डाटा एवं सुरखेत के दशरथपुर आदि स्थानों पर कई दर्जन शिविर चल रहे हैं। इन शिविरों में हाल के दिनों में बिहार, बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ के नक्सली युवक ट्रेनिंग के लिए भेजे गए हैं। इन शिविरों में गुरिल्ला युद्ध के साथ-साथ संगठन विस्तार, ग्रामीणों के बीच अपनी पैठ बनाने, बम बनाने व हथियार चलाने के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं। इन कैंपों में कई ट्रेनर तो भारतीय नक्सली कमांडर ही हैं।
भारत विरोधी मुहिम तेज : खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नेपाल में सत्ता में आई माओवादी सरकार की चीन से बढ़ती नजदीकियों के बीच वहां भारत विरोधी मुहिम तेज हो गई है। पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर एजेंसी आइएसआइ पहले से ही वहां भारतीय अर्थव्यवस्था आदि की रीढ़ तोड़ने के उद्देश्य से जाली नोटों का प्रवाह व अन्य विरोधी गतिविधियों के लिए नेपाल का प्रयोग करती आ रही है। अब ताजा घटनाक्रम में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के लिए चलाए जा रहे प्रशिक्षण शिविर की तर्ज पर नेपाल में भी भारत के नक्सलियों के लिए ट्रेनिंग शिविर स्थापित किए गए हैं।
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कोट :-
''नेपाल के सीमावर्ती बिहार व बंगाल के इलाकों में वर्षो से अपनी सेवा देते आ रहे हैं। इस दरम्यान नेपाल में नक्सलियों के प्रशिक्षण केन्द्र चलाये जाने के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं। इसकी सूचना विभागीय स्तर पर दिए जाने के साथ-साथ नेपाल के अधिकारियों को भी समय-समय पर सचेत करता रहा हूं। लेकिन नेपाल सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है।''
एकेसी. सिंह,एसएसबी 24वीं बटालियन के सेनानायक

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