Sunday, January 1, 2012

हरियाली से लगाव ने छुड़ायी अपराध की राह


अररिया: यह एक उग्र व्यक्ति के हृदय परिवर्तन की कहानी है। पेड़ों से लगाव ने उसे अपराध की राह से वापस ला दिया। उसने वन विभाग की मदद से डेढ़ लाख पेड़ लगाये हैं और पेड़ तथा पशु पक्षियों का संरक्षक बना हुआ है। उसका नाम विनोद कुमार यादव है। वह फारबिसगंज प्रखंड के सैफगंज परवाहा गांव का रहने वाला है।
डेढ़ सौ एकड़ में फैला इन गांवों का सरकारी वनक्षेत्र इन दिनों अररिया डिवीजन के सबसे खूबसूरत जंगलों में से एक माना जाता है। दोनों स्थानों को मिला कर तकरीबन डेढ़ लाख पेड़ हैं।
अररिया के डीएफओ रणवीर सिंह को भी इस जंगल पर नाज है।
विनोद यादव ने बताया कि उनका जुड़ाव गलत तत्वों के साथ हो गया था और वे हमेशा लड़ने मारने पर उतारू रहते थे।
विनोद ने बताया कि एक दिन वनरक्षी बृज नंदन पाठक के साथ कुछ नौजवानों द्वारा दु‌र्व्यवहार होता देख उन्होंने विरोध किया। इसके बाद से वे श्री पाठक के साथ जुड़ गये। उन्होंने ही उसका नाता जंगल से जोड़ा। तबसे वे पशुरक्षी के रूप में पेड़ लगाने व जंगल की रक्षा करने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि डीएफओ रणवीर सिंह तथा फारेस्टर हेम चंद्र मिश्रा के मार्गदर्शन में वे सैफगंज व भाग परवाहा गांव में पेड़ लगाने से जुड़े। आज जो कुछ है वह सबके सामने है।
ज्ञात हो कि परवाहा जंगल में न केवल सागवान, महोगनी, ब्लैक शीशम जैसी कीमती इमारती लकड़ी के पेड़ लग चुके हैं बल्कि नील गायों का एक बड़ा झुंड भी घने जंगलों में आकर रहने लगा है।
श्री यादव ने बताया कि जंगल में नील गायों का परिवार बढ़ रहा है। इस वक्त तीन बड़ी नीलगायें व उनके साथ पांच बच्चे जंगल में रह रहे हैं।
इधर, वन प्रमंडल पदाधिकारी रणवीर सिंह ने बताया कि विनोद यादव का प्रयास सराहनीय है। इससे उन्हें जिले में जंगलों के रेस्टोरेशन में खूब मदद मिली है।


0 comments:

Post a Comment