Wednesday, August 3, 2011

डेहटी पैक्स घोटाला: प्रमुख सूत्रधार अभी भी पुलिस पकड़ से दूर


अररिया : करोड़ों के डेहटी पैक्स घोटाले में यूं तो अब तक आधा दर्जन से अधिक तत्कालीन बीडीओ व जिला शिक्षा अधीक्षक पर गाज गिर चुकी है। उनमें से कई जेल की हवा भी खा चुके हैं। परंतु घोटाले के सूत्रधारों में से एक तत्कालीन उपविकास आयुक्त अभी भी पुलिस पकड़ से दूर हैं। तत्कालीन डीडीसी एम.एम तलहा साजिद के विरूद्ध अररिया थाना में कांड सं. 481/10 दर्ज है। उनके खिलाफ वारंट भी निर्गत है। किंतु अभी तक पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में असफल रही है।
ज्ञात हो कि सरकारी योजनाओं की करोड़ों की राशि गबन करने की नियत से राष्ट्रीयकृत बैंकों में नहीं रख कर डेहटी पैक्स में रखा गया था। जहां से पैक्स कर्मियों, अधिकारियों व बिचौलियों की मिलीभगत से अब तक हुई जांच के अनुसार लगभग 90 करोड़ की राशि का गबन कर लिया गया है। इस मामले में अब तक करीब डेढ़ दर्जन प्राथमिकी विभिन्न थानों में दर्ज की जा चुकी है। जबकि एक मामला पटना स्थित स्पेशल जज विजिलेंश (द्वितीय) के कोर्ट में भी केश नंबर 19/09 लंबित है। उक्त मामले में अब तक छह बीडीओ पर गाज गिर चुकी है। हाल में अररिया पुलिस ने तत्कालीन बीडीओ सह छपरा के वरीय अपर समाहर्ता अशोक तिवारी तथा तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक व जहानाबाद के कार्यक्रम पदाधिकारी दिनेश चौधरी को गिरफ्तार किया था। हालांकि दोनों को कोर्ट से इस आधार पर बेल मिल गया कि उन लोगों ने तत्कालीन डीडीसी एम.एम तलहा साजिद द्वारा जारी पत्र के आधार पर ही योजनाओं की राशि डेहटी पैक्स में जमा करायी थी। जेल में बंद उक्त पैक्स के प्रबंधक रूद्रानंद झा ने भी अपनी स्वीकारोक्ति बयान में स्वीकार किया है कि तत्कालीन डीडीसी के कार्यकाल से ही पैक्स में घोटाले शुरू हुए।
मिली जानकारी के अनुसार अररिया के तत्कालीन डीडीसी एम.एम तलहा साजिद 15 जनवरी 2000 से 10 जनवरी 01 तक यहां पदस्थापित थे। उन्होंने अपने पत्रांक 1726 दिनांक 02 दिसंबर 2000 को पलासी बीडीओ को पत्र जारी किया था, जिसमें इंदिरा आवास योजना से संबंधित राशि डेहटी पैक्स में जमा करने का निर्देश दिया गया था। उसके बाद से ही शुरू हो गया था पैक्स में घोटाले का खेल। इस दौरान मिली भगत से 90 करोड़ से भी अधिक की राशि गबन कर ली गयी। लेकिन अभी तक उक्त सूत्रधार पुलिस पकड़ से बाहर है। उनकी गिरफ्तारी के बाद घोटाले के कई और राज खुलने की उम्मीद है।

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