Thursday, June 28, 2012

20 करोड़ के सोलर लाइट घोटाले की खुलेगी परत


अररिया : सूरज की गर्मी से मिलने वाली रोशनी के 'चोरों' की अब खैर नहीं। दैनिक जागरण में सोलर लाइट लगाने में कमीशन के खेल व घोटाला किये जाने की खबर छपने के बाद जिलाधिकारी एम सरवणन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिये हैं।
डीएम श्री सरवणन ने बुधवार को बताया कि यह मामला गंभीर है और डीडीसी प्रभात कुमार महथा इसकी जांच कर अपनी रिपोर्ट देंगे और उसके बाद दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी।
विदित हो कि जिले में पंचायतों के माध्यम से जरूरत वाले स्थानों पर सोलर लाइट लगायी जानी थी। जिन योजनाओं के तहत सोलर लगनी थी, उनमें बारहवीं वित्त आयोग व बीआरजीएफ आदि शामिल थे, लेकिन पूरी योजना में जम कर कमीशनखोरी का खेल हुआ। हेवी कमीशन लेकर घटिया सोलर लगाये गये। जानकारों की मानें तो कमीशनखोरी के खेल में कई पीआरआई प्रतिनिधि, सरकारी अधिकारियों व बाबुओं ने जमकर मलाई उड़ाई। ब्रेडा जिस सोलर के लिए सोलह हजार रुपये लेता है, कई स्थानों पर वैसे ही सोलर की खरीद साठ हजार रुपये तक में की गयी। इतना ही नहीं कई मुखियों व पंचायत सचिवों ने घटिया व लोकल स्तर पर मिलने वाले सोलर भी खरीद लिए। वहीं, 13 वीं वित्त आयोग की राशि से सोलर खरीद पर रोक के बावजूद जोकीहाट व अररिया की कई पंचायातों में सोलर लाइट की आराम से खरीद की गयी। इतना ही नहीं सोलर खरीद के मामलों में न तो निविदा निकाली गयी और न ही सरकारी नियमों का पालन किया गया।
जोकीहाट में इसी वर्ष कई मुखियों ने तेरहवीं वित्त की राशि से कई मुखियों ने जब सोलर की खरीद कर ली तो वहां के बीडीओ ने उन्हें राशि वापसी का आदेश दिया। इसी तरह अररिया के बीडीओ ने सभी पंचायत सचिवों से सोलर लाइट के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। लेकिन सूत्रों की मानें तो अधिकतर पंचायत सचिव इस आदेश का पालन करने में विफल रहे हैं।
जानकारों के मुताबिक इस पूरे घोटाले में कम से कम बीस करोड़ रुपये का खेल हुआ हे। बहरहाल डीएम के आदेश के बाद अब संदेह नहीं कि इस घोटाले की परत दर परत निश्चित रूप से खुलेगी।

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