बसैटी (अररिया) : एक ओर सरकार जन कल्याणकारी योजना सहित अन्य योजना में पारदर्शिता लाने के लिए नित दिन नये-नये आदेश निर्गत कर रहे हैं तथा बिचौलियों से मुक्त समाज की कल्पना कर रहे हैं। परंतु रानीगंज प्रखंड में सरकारी तंत्र की कमी व उस पर नियंत्रण नहीं रहने के कारण सरकारी योजनाएं बिचौलियों की भेट चढ़ जाती है। इसका अंदाजा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि प्रखंड में बत्तीस पंचायत हैं जिसमें मात्र चौदह पंचायत सचिव कार्यरत है। एक-एक पंचायत सचिव को चार व पांच पंचायतों का प्रभार सौंपा गया है। जानकारों की मानें तो पंचायत सचिव ही बिचौलिया पाल रहे हैं। एक पंचायत में 13वीं वित्त, बीआरजीएफ इंदिरा आवास, कबीर अंत्येष्ठी, वृद्धा पेंशन, नि:शक्ता सहित दो दर्जन योजनाओं के साथ-साथ पंचायत सचिवों को जनता का निवास, पहचान पत्र आदि कागजों को भी सत्यापित करना पड़ता है। एक पंचायत सचिव पांच-पांच पंचायतों के जनता की उम्मीदों पर किस प्रकार ईमानदारी पूर्वक खड़ा उतर पायेंगे। एक पंचायत सचिव ने नाम न छापने के शर्त पर बताया कि पंचायतों के कुछ सहयोगी को रखना उनकी मजबूरी है। जिसका लाभ उठाकर यह सहयोगी लोगों को बहला, फुसलाकर उगाही करते हैं। सूत्रों की मानें तो प्रखंड के ऐसा शायद ही कोई पंचायत है जहां जन कल्याण कारी योजनाओं में बिचौलियों का पकड़ नहीं है।
इधर प्रखंड विकास पदाधिकारी ललन ऋषिदेव से पूछने पर बताते हैं कि सचिवों की कमी से परेशानी होती है परंतु पारदर्शिता एवं बिचौलियों से मुक्त प्रखंड बनाने के लिए दृढ़ संकल्प है।
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