सिकटी (अररिया) : बरसात के दस्तक से प्रखंड क्षेत्र के पश्चिमी भाग में बहने वाली बकरा नदी के किनारे बसा गांव को कटान का भय सताने लगा है। कटान के संबंध में भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष राम कुमार झा उर्फ मुन्ना झा ने अररिया के सांसद के द्वारा उप विकास आयुक्त को बकरा नदी से कटाव को रोकने हेतु आवेदन दिया है। उन्होंने कहा है कि ठेंगापुर पंचायत के पड़रिया, तीरा खारदह, नेमुआ, पिपरा, आमगाछी, पीरगंज आदि आधा दर्जन से अधिक गांव कटान के कगार पर है यदि बाढ़ से पूर्व ही बकरा नदी के कटान को नही रोका गया तो सरदार टोला, अमात टोला, ब्राह्माण टोला एवं केवट टोला पूर्ण रूप से बकरा नदी से विलीन हो जायेगा। ज्ञात हो कि बकरा नदी में पड़रिया धार पर 11 करोड़ की लागत पुल का निर्माण किया जाना है। यदि कटाव को नहीं रोका गया तो बकरा नदी कटान कर बस्ती में बहना चालू हो जायेगा। श्री झा ने बताया कि अभी तक बकरा नदी के कटान से 500 से ज्यादा घर बकरा नदी विलीन हो गया है तथा बाढ़ ने प्रति वर्ष हजारों एकड़ मं लगे धान व पटुआ को बर्बाद कर देता है। उन्होंने बताया कि बकरा नदी 1987 से प्रखंड के तीन दर्जन गांवों को प्रभावित करता आ रहा है जिससे प्रति वर्ष दर्जनों गरीबों का घर बकरा में विलीन हो जाता है। यदि समय रहते उक्त कटान को नहीं रोका गया तो आने वाले दिनों में बकरा नदी एक बार फिर विनाश की कहानी इस इलाके के लिए लिखेंगे।
Thursday, June 28, 2012
बकरा नदी किनारे बसे गांव को कटाव का खतरा
सिकटी (अररिया) : बरसात के दस्तक से प्रखंड क्षेत्र के पश्चिमी भाग में बहने वाली बकरा नदी के किनारे बसा गांव को कटान का भय सताने लगा है। कटान के संबंध में भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष राम कुमार झा उर्फ मुन्ना झा ने अररिया के सांसद के द्वारा उप विकास आयुक्त को बकरा नदी से कटाव को रोकने हेतु आवेदन दिया है। उन्होंने कहा है कि ठेंगापुर पंचायत के पड़रिया, तीरा खारदह, नेमुआ, पिपरा, आमगाछी, पीरगंज आदि आधा दर्जन से अधिक गांव कटान के कगार पर है यदि बाढ़ से पूर्व ही बकरा नदी के कटान को नही रोका गया तो सरदार टोला, अमात टोला, ब्राह्माण टोला एवं केवट टोला पूर्ण रूप से बकरा नदी से विलीन हो जायेगा। ज्ञात हो कि बकरा नदी में पड़रिया धार पर 11 करोड़ की लागत पुल का निर्माण किया जाना है। यदि कटाव को नहीं रोका गया तो बकरा नदी कटान कर बस्ती में बहना चालू हो जायेगा। श्री झा ने बताया कि अभी तक बकरा नदी के कटान से 500 से ज्यादा घर बकरा नदी विलीन हो गया है तथा बाढ़ ने प्रति वर्ष हजारों एकड़ मं लगे धान व पटुआ को बर्बाद कर देता है। उन्होंने बताया कि बकरा नदी 1987 से प्रखंड के तीन दर्जन गांवों को प्रभावित करता आ रहा है जिससे प्रति वर्ष दर्जनों गरीबों का घर बकरा में विलीन हो जाता है। यदि समय रहते उक्त कटान को नहीं रोका गया तो आने वाले दिनों में बकरा नदी एक बार फिर विनाश की कहानी इस इलाके के लिए लिखेंगे।
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