अररिया : आजादी के 65 वर्षों बाद भी ग्रामीण चचरी पुल को अपने आवागमन का साधन बनाकर इस्तेमाल करते हैं। बरसात आते ही ये चचरी पुल भी उनके काम नहीं आता है और तब वैसे हालत में नाव एक मात्र साधन रह जाता है। हजारों ग्रामीण प्रतिदिन बाढ़ के समय जान जोखिम में डालकर नाव का सफर करते हैं। अररिया शहर से सटे उत्तर पनार नदी पर तिरसूलिया घाट पर आजतक पुल नहीं बन सका। तिरसूलिया घाट पर अगर पुल बन जाता है तो कुर्साकांटा, सिकटी एवं पलासी प्रखंड सीधे अररिया से जुड़ जायेगा और दूरी भी कम हो जायेगी। रामपुर, कोशकीपुर, माणिकपुर, बोची, मदनपुर आदि गांव के लोग इसी रास्ते प्रतिदिन अररिया आना-जाना करते हैं। हालांकि अररिया से रामपुर तक प्रधानमंत्री सड़क बनकर तैयार है लेकिन पनार नदी पर तिरसूलिया घाट पर पुल नहीं बनने के कारण सड़क उपयोगी साबित नहीं हो रहा है। कई बार शोषित मुक्ति मोर्चा के संयोजक ललित मोहन ठाकुर, नंद मोहन मिश्र आदि ने पुल के लिए लगातार संघर्ष किया है। वहीं अररिया के सांसद एवं विधायक हमेशा ही जल्द पुल बन जाने की बात कहते हैं मगर...।
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