अररिया : आधुनिक भारत में सांख्यिकी का इतिहास प्रो. प्रशांत चन्द्र महानोलोबिस से शुरू होता है। अपने विलक्षण वैज्ञानिक गुणों से भारत ही नहीं अपितु विश्व सांख्यिकी जगत को एक माडल अपितु विश्व सांख्यिकी जगत को एक माडल प्रदान किया था। प्रो. महालोनोबिस विलक्षण प्रतिभाओं के धनी थे। यह बात अपर समाहत्र्ता कपिलेश्वर विश्वास ने शुक्रवार को जिला परिषद सभागार में आयोजित सांख्यिकी दिवस समारोह में कही। इससे पहले प्रो. महालोनोबिस के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सांख्यिकी दिवस का उद्घाटन श्री विश्वास ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसके पश्चात उपस्थित अधिकारियों ने प्रोफेसर के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित एसडीओ डा. विनोद कुमार ने कहा कि प्रो. महालोनोबिस भारतीय सांख्यिकी के जनक कहे जाते हैं। डा. कुमार ने कहा कि उनकी सोच रही कि लोग आवश्यकता, उपयोगिता तथा उपलब्धता को ध्यान में रखकर ही आगे की रणनीति तैयार करें। उन्होंने कहा कि इन्हीं मान्यताओं के आधार पर भारत की द्वितीय पंचवर्षीय योजना का निरूपण किया गया एवं औद्योगिक विकास को काफी बल मिला। वहीं मंच संचालन करते हुए जिला सांख्यिकी पदाधिकारी मिथिलेश कुमार दास ने प्रो. महालोनोबिस के जीवनी को संक्षिप्त रूप से प्रस्तुत किया। समारोह को सदर अस्पताल के महामारी रोग विशेषज्ञ अरुमेंदु झा, फारबिसगंज बीएसएस सुनील कुमार गुप्ता ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी बिनोद कुमार, सुशील कुमार दास सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन डा. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने किया।
Friday, June 29, 2012
विलक्षण प्रतिभा के धनी थे प्रो. पीसी महानोलोबिस
अररिया : आधुनिक भारत में सांख्यिकी का इतिहास प्रो. प्रशांत चन्द्र महानोलोबिस से शुरू होता है। अपने विलक्षण वैज्ञानिक गुणों से भारत ही नहीं अपितु विश्व सांख्यिकी जगत को एक माडल अपितु विश्व सांख्यिकी जगत को एक माडल प्रदान किया था। प्रो. महालोनोबिस विलक्षण प्रतिभाओं के धनी थे। यह बात अपर समाहत्र्ता कपिलेश्वर विश्वास ने शुक्रवार को जिला परिषद सभागार में आयोजित सांख्यिकी दिवस समारोह में कही। इससे पहले प्रो. महालोनोबिस के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सांख्यिकी दिवस का उद्घाटन श्री विश्वास ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसके पश्चात उपस्थित अधिकारियों ने प्रोफेसर के तैल्य चित्र पर माल्यार्पण किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित एसडीओ डा. विनोद कुमार ने कहा कि प्रो. महालोनोबिस भारतीय सांख्यिकी के जनक कहे जाते हैं। डा. कुमार ने कहा कि उनकी सोच रही कि लोग आवश्यकता, उपयोगिता तथा उपलब्धता को ध्यान में रखकर ही आगे की रणनीति तैयार करें। उन्होंने कहा कि इन्हीं मान्यताओं के आधार पर भारत की द्वितीय पंचवर्षीय योजना का निरूपण किया गया एवं औद्योगिक विकास को काफी बल मिला। वहीं मंच संचालन करते हुए जिला सांख्यिकी पदाधिकारी मिथिलेश कुमार दास ने प्रो. महालोनोबिस के जीवनी को संक्षिप्त रूप से प्रस्तुत किया। समारोह को सदर अस्पताल के महामारी रोग विशेषज्ञ अरुमेंदु झा, फारबिसगंज बीएसएस सुनील कुमार गुप्ता ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी बिनोद कुमार, सुशील कुमार दास सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन डा. सुशील कुमार श्रीवास्तव ने किया।
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