अररिया, : कतय नुकायत चांदक चोर, जतय नुकायत ततहि इजोर .., यानी चांद की चोरी करने वाला कहां छुपेगा? जहां छुपेगा वहीं रोशनी हो जायेगी। लेकिन कवि कोकिल विद्यापति द्वारा रचित ये पंक्तियां अररिया में चरितार्थ नहीं हो रही है। दरअसल अररिया की दूधिया रोशनी और उसे चुराने वाले चोर पिछले पांच सालों से गायब हैं।
अररिया जिले में 38 स्थानों पर सांसद व विधायक कोष से वर्ष 2007 में हाई मास्ट लाइट लगाने की स्वीकृति दी गयी थी। इसके लिए आपूर्तिकर्ता एजेंसी को तीन बार अग्रिम भुगतान किया गया, लेकिन आज तक लाइट नहीं लगी। अब आपूर्ति कर्ता एजेंसी भी ट्रेसलेस हो गयी है। अगस्त 2007 में तत्कालीन सांसद ने जिले के चौदह स्थानों पर हाई मास्ट लाइट लगाने के लिए अपने कोष से 78 लाख रुपयों की अनुशंसा की। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना मद से पहले जून 2007 में अररिया के रामकृष्ण आश्रम,काली मंदिर अररिया,
नरपतगंज के राजगंज, अस्पताल परिसर व बाजार, फारबिसगंज के जोगबनी बार्डर, सुभाष चौक व छुआपट्टी चौक, रानीगंज के काली मंदिर चौक तथा भरगामा के खजुरी बाजार में हाई मास्ट लाइट लगाने की अनुशंसा की गयी थी। इसके लिए 28 अगस्त को निविदा जमा करने की अंतिम तिथि थी। लाइट की खरीद के लिए डीएम की अध्यक्षता में क्रय समिति गठित की गयी, जिसमें डीडीसी संयोजक तथा डीआरडीए निदेशक, टीओ, उपसमाहर्ता विकास, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक तथा संबंधित कार्यपालक अभियंता सदस्य थे। डीएम ने 30 अगस्त को बीस मीटर ऊंचाई वाली लाइट के लिए पटना के मेसर्स आर्यन एसोसिएट से नेगोशिएट करने को कहा। एजेंसी के प्राधिकृत व्यक्ति विजय कुमार वर्मा से बातचीत कर एग्रीमेंट बना लिया गया। लेकिन बगैर किसी काम के 25 सितंबर को वर्क आर्डर के साथ 46.11 लाख रुपयों का भुगतान भी कर दिया गया। इस निविदा में माइक्रोटेल कंपनी पटना, एसआरपी टेक्नोक्रैट्स तथा पटना की ही स्टानमैक्स सहित दो अन्य ने भी निविदा डाली थी। इसी बीच सांसद ने सितंबर महीने में अपनी पूर्व की अनुशंसा रद्द करते हुए फारबिसगंज में चार, नरपतगंज में 3, रानीगंज में एक, कुर्साकाटा में एक कुल चौदह स्थानों पर लाइट लगाने की फ्रेश अनुशंसा की। तीन महीने के बाद 21 जनवरी को आर्यन एसोसिएट ने काम शुरू करने की सूचना दी तथा दूसरी किश्त के पैसे मांगे। यह बात अलग है कि लाइट लगाने का कार्य अब भी नहीं हुआ था। लेकिन उसे 15.37 लाख रुपये और विमुक्त कर दिए गये।
इसके बाद डीएम एम सरवणन ने कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने 29 सितंबर को दो माह में कार्य पूरा नहीं करने पर एजेंसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी किया। इससे पहले ही जिले के चार विधायकों ने भी अपने कोष से कुल मिलाकर लगभग दो करोड़ रुपये इसी कार्य के लिए स्वीकृत किए। लेकिन इस कार्य के लिए अलग से कोई निविदा नहीं निकाली गयी और पूर्व के आलोक में उसी एजेंसी को विधायक कोटे से लाइट लगाने का कार्य भी आवंटित कर दिया गया। जाहिर है कि यह कार्य भी पूरा नहीं किया गया। बाद में प्रशासन द्वारा दो प्राथमिकी दर्ज करवायी गयी। लेकिन आज तक ना तो रोशनी की व्यवस्था हो पायी और ना ही चोर ही पुलिस के हाथ लगे।
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