फारबिसगंज (अररिया) : फारबिसगंज गोलीकांड की जांच को यहां शनिवार को पहुंची न्यायिक जांच आयोग की टीम को ले लोगों में काफी उत्सुकता बनी रही। टीम के अध्यक्ष अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति माधवेन्द्र शरण तथा सचिव सह अवकाश प्राप्त जिला एवं सत्र न्यायधीश एसएम नसीमुद्दीन को हालांकि शुक्रवार को ही यहां पहुंचने की बात कही गयी थी। लेकिन वे लोग शुक्रवार को अररिया में ही रूक गये थे। शनिवार को सुबह से ही बारिश होने के बावजूद दोनों सदस्य करीब 10 बजे बुंदा-बांदी के बीच ही भजनपुर गांव पहुंचे। इस दौरान सड़क के दोनों ओर उन्हें देखने के लिए काफी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हुए थे। साथ ही गांव में भी गोलीकांड के पीड़ितों व लोगों को आयोग की टीम से मिलने की उत्सुकता बनी हुई थी। आयोग के दोनों सदस्यों ने भी लोगों को निराश नहीं किया। वे बारी बारी से पुलिस फायरिंग मे मारे गये सभी मृतकों के परिजनों से उनके घर जाकर मुलाकात की और उनका दुख दर्द सुना। दोनों न्यायाधीशों ने घटना में घायल हुए लोगों से भी मुलाकात की। अपने पहले दौरे पर फारबिसगंज पहुंची आयोग की टीम के दोनों सदस्यों ने घटनास्थल निर्माणाधीन ग्लूकोज फैक्ट्री परिसर का भी बारिकी से मुआयना किया। वहां उन लोगों ने उस विवादित सड़क का भी निरीक्षण किया जिसकी मांग को ले वहां बीते तीन जून को ग्रामीणों व पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसके बाद हुई पुलिस फायरिंग में एक बच्चा समेत चार लोग मारे गये थे। न्यायाधीशों ने ग्रामीणों की मांग वाली विवादित सड़क का काफी दूर तक मुआयना किया। आयोग के अध्यक्ष तथा सचिव ने उस टूटी दिवाल को भी देखा जिसे 3 जून को घटना के दिन उग्र ग्रामीणों द्वारा तोड़ दिया गया था। दोनों न्यायाधीशों ने वहां घटना की परिस्थिति से संबंधित जानकारियां भी ली। हालांकि न्यायाधीशों से जब स्टार्च फैक्ट्री का निर्माण कर रही ओरो सुंदरम इंटरनेशल प्रा.लि. के अधिकारी व कर्मियों ने मिलकर अपनी बात रखनी चाही तो उन्होंने बताया कि इसके लिए नोटिस जारी की जायेगी तथा समाचार-पत्रों के माध्यम से सूचना प्रकाशित की जायेगी जिसके बाद शपथ-पत्र के साथ वे लिखित रूप से अपनी बात आयोग के समक्ष रख सकते हैं। न्यायधीशों के भ्रमण के दौरान गांव से लेकर एनएच 57 सड़क मार्ग तथा फैक्ट्री परिसर में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी हुई थी। हालांकि इस अवसर पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये थे। इस दौरान आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति माधवेन्द्र शरण ने गोलीकांड के पीड़ितों से कहा कि इंसाफ की प्रक्रिया शुरू हो गयी है, उन्हें अवश्य न्याय मिलेगा।
Sunday, July 31, 2011
आयोग ने शुरू की फारबिसगंज गोलीकांड की जांच
फारबिसगंज (अररिया) : फारबिसगंज गोलीकांड की जांच को यहां शनिवार को पहुंची न्यायिक जांच आयोग की टीम को ले लोगों में काफी उत्सुकता बनी रही। टीम के अध्यक्ष अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति माधवेन्द्र शरण तथा सचिव सह अवकाश प्राप्त जिला एवं सत्र न्यायधीश एसएम नसीमुद्दीन को हालांकि शुक्रवार को ही यहां पहुंचने की बात कही गयी थी। लेकिन वे लोग शुक्रवार को अररिया में ही रूक गये थे। शनिवार को सुबह से ही बारिश होने के बावजूद दोनों सदस्य करीब 10 बजे बुंदा-बांदी के बीच ही भजनपुर गांव पहुंचे। इस दौरान सड़क के दोनों ओर उन्हें देखने के लिए काफी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हुए थे। साथ ही गांव में भी गोलीकांड के पीड़ितों व लोगों को आयोग की टीम से मिलने की उत्सुकता बनी हुई थी। आयोग के दोनों सदस्यों ने भी लोगों को निराश नहीं किया। वे बारी बारी से पुलिस फायरिंग मे मारे गये सभी मृतकों के परिजनों से उनके घर जाकर मुलाकात की और उनका दुख दर्द सुना। दोनों न्यायाधीशों ने घटना में घायल हुए लोगों से भी मुलाकात की। अपने पहले दौरे पर फारबिसगंज पहुंची आयोग की टीम के दोनों सदस्यों ने घटनास्थल निर्माणाधीन ग्लूकोज फैक्ट्री परिसर का भी बारिकी से मुआयना किया। वहां उन लोगों ने उस विवादित सड़क का भी निरीक्षण किया जिसकी मांग को ले वहां बीते तीन जून को ग्रामीणों व पुलिस के बीच हिंसक झड़प हुई थी जिसके बाद हुई पुलिस फायरिंग में एक बच्चा समेत चार लोग मारे गये थे। न्यायाधीशों ने ग्रामीणों की मांग वाली विवादित सड़क का काफी दूर तक मुआयना किया। आयोग के अध्यक्ष तथा सचिव ने उस टूटी दिवाल को भी देखा जिसे 3 जून को घटना के दिन उग्र ग्रामीणों द्वारा तोड़ दिया गया था। दोनों न्यायाधीशों ने वहां घटना की परिस्थिति से संबंधित जानकारियां भी ली। हालांकि न्यायाधीशों से जब स्टार्च फैक्ट्री का निर्माण कर रही ओरो सुंदरम इंटरनेशल प्रा.लि. के अधिकारी व कर्मियों ने मिलकर अपनी बात रखनी चाही तो उन्होंने बताया कि इसके लिए नोटिस जारी की जायेगी तथा समाचार-पत्रों के माध्यम से सूचना प्रकाशित की जायेगी जिसके बाद शपथ-पत्र के साथ वे लिखित रूप से अपनी बात आयोग के समक्ष रख सकते हैं। न्यायधीशों के भ्रमण के दौरान गांव से लेकर एनएच 57 सड़क मार्ग तथा फैक्ट्री परिसर में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी हुई थी। हालांकि इस अवसर पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये थे। इस दौरान आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति माधवेन्द्र शरण ने गोलीकांड के पीड़ितों से कहा कि इंसाफ की प्रक्रिया शुरू हो गयी है, उन्हें अवश्य न्याय मिलेगा।
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