Sunday, June 24, 2012

कहीं जूते तो कहीं सीमेंट की दुकान से आपूर्ति


अररिया : कमीशनखोरी के खेल से अंधेरी हो गयी अररिया की गलियां। सोलर लाइट के नाम पर सरकारी राशि के बंदरबांट का यह सिलसिला काफी समय से चल रहा है। जिले के कई प्रखंडों में जूते-चप्पल की दुकान से तो कहीं सीमेंट बालू की दुकान से ही सोलर लाइट की आपूर्ति कर दी गयी। फिलहाल घपलेबाजों की कर्मभूमि पर बीआरजेएफ और 13वें वित्त की राशि से सोलर लाइट खरीदने का मामला सामने आ रहा है।
जिले में गांव की गलियों के रोशन करने के नाम पर पंचायतों में बिचौलियों के घर रोशन हो रहे हैं। जिले में विभिन्न वित्त आयोग के रुपयों के पंचायत के विकास मद की राशि से सोलर लाइट लगा दी गयी। यहां तक कि बीआरजीएफ और 13वें वित्त की राशि से भी सोलर लाइट की खरीद कई पंचायतों ने कर ली। जबकि बीआरजीएफ और 13वें वित्त आयोग के रुपये से आंगनबाड़ी भवन, पंचायत भवन सहित अन्य कार्य होने थे। इस खरीदारी में ना नियमों का ख्याल रहा और ना ही अधिकारियों की सहमति ली गयी। अनियमितता इस कदर रही कि कहीं 27 हजार में तो कहीं 46 हजार में पंचायतों ने खरीदे सोलर लाइट। इससे पूर्व पंचायतों में लगे सोलर लाइट कहीं सीमेंट वालों द्वारा आपूर्ति कर दिये गये तो कहीं जूते-चप्पल की दुकान वालों ने जनप्रतिनिधियों की मदद से आपूर्ति किये। सिकटी के भिड़भिड़ी पंचायत में 13 वें वित्त की राशि से 39 हजार रुपये की दर से दस सोलर लाइट लगा दिये गये। दीगर बात है सोलर लाइट की गुणवत्ता लगते ही दिखने लगी है। दूसरी ओर जोकीहाट, कुर्साकाटा, रानीगंज, भरगामा सहित जिले के अन्य प्रखंडों में भी सोलर लाइट लगाने के नाम पर गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। कुछ जन प्रतिनिधियों के निजी दरवाजों को छोड़ दें तो जिले भर में शायद ही कहीं ये नजर आती हैं। अगर कहीं लगी भी तो घटिया व स्तरहीन होने के कारण ये पहले दिन से ही बेकार साबित हो गयी। जोकीहाट के बीडीओ सिकंदर ने भी एक दर्जन से अधिक मुखियों को सूचना देकर सोलर लाइट के नाम पर हुई अवैध खरीद में संलिप्त राशि को जमा करने का आदेश दिया है।

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