अररिया : पटना की एक नर्स के साथ शादी का झांसा देकर पहले यौन शोषण तथा बाद में उसकी हत्या कर शव को छुपाने के मामले में रविवार को सिमराहा थाने में एक प्राथमिकी (कांड सं. 221/12)दर्ज हुआ है, जिसमें दो वकील एवं मुखिया समेत सात लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है।
उक्त प्राथमिकी मृतका उषा के चाचा व जमुई जिला के चन्द्रदीप थाना क्षेत्र के सोमखार निवासी अनिल सिंह के दिए गए बयान पर फारबिसगंज (सिमराहा) थाना कांड संख्या 221/12 दर्ज हुआ है।
प्राथमिकी में सूचक ने गैयारी निवासी आफताब, बरदबट्टा पलासी निवासी मोहन झा, गैयारी के कमरूज्जमा, फरसाडांगी निवासी सरफराज तथा अबुबकर, डोरिया बलवा के मरगुब तथा मुर्शिद मुखिया को नामजद आरोपी बनाया है।
सूचक ने आरोप लगाया है कि करीब एक वर्ष पूर्व पटना स्थित पीएमसीएच में नर्स का काम कर रही उसकी भतीजी उषा (मृतका) के साथ सरफराज ने अपना नाम सागर बताकर नजदीकी बढ़ाई। इस काम में मरगुब ने भी मदद की। शादी का प्रलोभन देकर नर्स उषा का यौन शोषण होता रहा। लेकिन इस बीच आरोपियों के अचानक गायब हो जाने के बाद उषा उन्हें खोजते हुए अररिया पहुंची।
यहां आरोपियों ने उस का नाम बदलकर रूही खातुन रख दिया तथा एक आरोपी से उसका निकाह भी कर दिया गया।
लेकिन इसके बाद उसके साथ मारपीट की जाने लगी और फिर उसे घर से निकाल दिया गया। उषा इंसाफ के लिए भटकती रही, लेकिन कुछ आरोपी उसका यौन शोषण करते रहे।
सूचक को जब पटना की एक नर्स की हत्या की जानकारी मिली तो खोजबीन में जरीना नामक महिला ने उसे कई रहस्यों से रूबरू कराया।
इसी बीच सूचक ने सिमराहा थाना में खवासपुर पुरंदाहा सड़क किनारे एक अज्ञात महिला के शव का फोटो देखा तथा उसकी पहचान अपनी भतीजी उषा (मृतका) के रूप में की गयी।
इस मामले में पुलिस ने तहकीकात प्रारंभ कर दी है।
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