Wednesday, February 15, 2012

जोगबनी से हो रहा सेक्स व्यापार का डील


- नेपाल तक फैला है मानव व्यापार का जाल
अररिया : ग‌र्ल्स ट्रैफिकिंग को लेकर भारत नेपाल का सीमावर्ती एरिया तस्करों के लिए काफी मुफीद रहा है। फारबिसगंज के रेड लाइट एरिया से बड़ी संख्या में लड़कियों के पकड़ में आने के बाद यह क्षेत्र एक बार फिर चर्चा में आ गया है, लेकिन फारबिसगंज की तरह क्षेत्र के अन्य जगहों पर भी सैक्स रैकेट के संचालक अपना ठिकाना बनाये हुए हैं। भारत-नेपाल के बार्डर पर स्थित जोगबनी में यह काला खेल धड़ल्ले से चल रहा है। यहां तो ग‌र्ल्स ट्रैफिकिंग की 'डील' तक होती है जहां से दूसरे महानगरों के लिए लड़कियां भी सप्लाई की जाती है।
एसएसबी ने भी इस संबंध में गुप्त सूचनाएं इकट्ठा की हैं। पूछे जाने पर 24वीं बटालियन के बथनाहा स्थित मुख्यालय के कमांडेंट एकेसी सिंह ने बताया कि उन्होंने जिला प्रशासन को इस संबंध में जानकारी दी है।
भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र का फारबिसगंज और जोगबनी शहरी क्षेत्र मानव व्यापार को लेकर हमेशा चर्चा में रहा है। हालांकि सामाजिक संस्थाओं, पुलिस, एसएसबी और प्रशासन के सहयोग से कई बार लड़कियों को रेसक्यू किया गया है। बावजूद धंधेबाजों पर पूरी तरह नकेल नहीं कसी जा सकी है।
सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार जोगबनी व्यवसायिक इलाके के एक मकान में जहां जुएं और सेक्स का धंधा गुप्त तरीके से चलाया जा रहा है, वहीं लड़कियों को बाहर भेजे जाने की डील भी वहीं से होती है। बताया गया है कि उक्त मकान को तस्करों ने इसलिए चुना है, क्योंकि इसके निचले तल्ले पर व्यवसायिक प्रतिष्ठान चलते है। जिस वजह से हमेशा लोगों का यहां आना जाना लगा रहता है और लोगों को कोई शक नही होता। सूत्र बताते हैं कि धंधेबाजों ने इस कारोबार के लिए कोड वर्ड निर्धारित कर रखे हैं जिसके सहारे चुनिंदा लोग ही वहां तक पहुंच पाते हैं। पूरी तरह गुप्त तरीके से यहां मानव व्यापार के अलावा जुए का धंधा भी चल रहा है। इस संबंध में एसएसबी के पास भी काफी गुप्त सूचनाएं पहुंची है।
एसएसबी कमांडेंट एकेसी सिंह बताते हैं कि जोगबनी में सेक्स रैकेट चलाये जाने की जानकारी उन्हें मिली है। हालांकि उन्होंने बताया कि उन तक जो सूचनाएं पहुंची है उससे जिला प्रशासन को अवगत करा दिया है। ज्ञात हो कि तीन दिन पूर्व ही अररिया के तेज तर्रार एसपी शिवदीप लांडे ने फारबिसगंज स्थित रेड लाइट एरिया में छापामारी कर दो दर्जन से अधिक बालिग व नाबालिग लड़कियों को दलालों के चंगुल से मुक्त कराया था। छापामारी के बाद उन्होंने स्वीकार किया था कि इस सीमावर्ती क्षेत्र में मानव व्यापार का बड़ा रैकेट काम कर रहा है। जिसका जाल नेपाल तक फैला है। छापामारी के दौरान रैकेट का सरगना भागने में सफल रहा था। ऐसे में सीमावर्ती क्षेत्र में मानव व्यापार पर रोक के लिए बड़े अभियान की जरूरत है।

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