सिकटी (अररिया) : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग प्रखंड वासियों को शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराने में अब तक असफल साबित हुआ है। वहीं दूषित जल पीने से सिकटी प्रखंड क्षेत्र के लोग रोग ग्रस्त हो रहे हैं। ज्ञात हो कि इस क्षेत्र के पानी में काफी मात्रा में रासायनिक तत्व मौजूद हैं। जो मीठा जहर साबित हो रहा है। जानकार बताते है कि यहां के जल में भारी मात्रा में आर्सेनिक, आयरन, मरकरी तथा अन्य घात पदार्थ मिले हुए हैं। जिसके सेवन से लोग अल्सर, पित्त की थैली, पथरी, अनिद्रा, भूख नहीं लगना, एनीमिया, जांडिस, हेपेटाइटिस बी जैसे घातक बिमारियों के शिकार हो रहे है। कोई विकल्प नही रहने के कारण लोग इस जहर को पीने के लिए विवश हैं। संपन्न लोग तो अपने घरों में आधुनिक वाटर फिल्टर लगाकर इसका निदान ढूंढ़ लिये हैं। लेकिन अधिकांश आबादी इस दूषित जल का सेवन कर रही है। प्री वेन्टीव एंड सोशल मेडिसीन पर न ही आज चिकित्सक न ही सरकार व स्वयं सेवी संगठन ही ध्यान देते हैं। यूनिसेफ के सहयोग से चलाया गया स्वच्छता पेय जल कार्यक्रम यहां फ्लाप शो साबित हो रहा है। जिला जल एवं स्वच्छता अभियान मात्र बैनर, पोस्टर, स्लोगन एवं सेमिनार आयोजित कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर रही है। नव निर्मित पानी का टंकी सफेद हाथी बनकर रह गया है तथा सरकार द्वारा चलाया गया अमृत पेय जल योजना में लाखों खर्च करने के बावजूद लोगों को इस मीठा जहर से मुक्ति नहीं मिल सकी है।
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