अररिया : शहर के दक्षिणी एवं उत्तरी सीमा पर स्थित वार्ड संख्या सात के लोग हर मायने में उपेक्षा का शिकार हैं। गरीबी एवं अशिक्षा का दंश झेल रहे इस वार्ड के लोगों को चलने के लिये ठीक ढंग से सड़क भी नही है। स्कूल एवं आंगनबाड़ी की पर्याप्त सुविधा के बाद भी अशिक्षा का माहौल। वार्ड में भूले भटके ही पक्के मकान हैं। अधिकांश लोग टूटे-फूटे झोपड़ी में ही रहते हैं। अनुसूचित जाति/जनजाति बहुल इस वार्ड के अधिकांश मतदाताओं को यह भी पता नही है कि उनका घर शहर में है या पंचायत में है। वार्ड का हाल लेने के क्रम में आम लोगों ने बताया गया कि पंचायत में जागरण और शहर में डपोर शंखी भाषण। यानी पंचायत के लोगों को घर बनाने के लिये आवास योजना का लाभ मिल रहा है लेकिन वे दशकों से शहर में रहकर भी झोपड़ी में हीं रह रहे है। सड़क का हाल ऐसा कि बरसात के दिनों में चप्पल पहनना भी मुश्किल।
सात हजार से अधिक आबादी वाले इस वार्ड में 1800 सौ मतदाताओं की संख्या है। 824 बीपीएल कार्ड धारी है। जिनमें कई लोगों को अन्नपूर्णा और 116 लोगों को अन्त्योदय का लाभ मिल रहा है। वार्ड में जनवितरण प्रणाली की दो दुकानें है। लेकिन समय पर गरीबों को अनाज या तेल नही मिलता है।
शहर में वृद्धा वस्था पेंशन पाने के होड़ में कागजी बूढ़ों का ढेर तो बन गया है लेकिन इस वार्ड में 100 वर्ष के कई ऐसे लोग है जिन्हें आज भी पेंशन योजना का लाभ नही मिल रहा है। उदाहरण के तौर पर जय प्रकाश नगर की रहने वाली नि:संतान मसो.मुनरी को पेंशन आज तक इसलिए नही मिल पाया कि वह बीपीएल की सूची में दर्ज नही हो पायी।
क्या कहते हैं वार्ड वासी:
हृदयपुर के मुन्ना मंडल बताते हैं कि वार्ड पार्षद उनलोगों के साथ उपेक्षा का भाव रखते है। उन्होंने बताया कि पिछले चुनाव में जिन लोगों ने पार्षद को वोट दिया था उन्हीं को योजनाओं का लाभ भी मिल पाता है। तीन माह में एक माह का राशन जनवितरण प्रणाली की दुकान से दिया जाता है। शिकायत करने पर पार्षद भी चुप्पी साध लेते है। वहीं मांगन मंडल को पार्षद के कार्यो से खासी नाराजगी थी।
जबकि इस वार्ड के जगरनाथ शर्मा, ज्ञान चंद्र मंडल ने बताया कि उनलोगों को आज भी सड़कों पर चलने का नसीब नही हो पाया है। नप द्वारा आवंटित राशि का उपयोग पार्षद उन्हीं स्थानों पर किया है जहां उन्हें ज्यादा लाभ मिला है। कई लोगों को राशन कार्ड, पेंशन योजना का लाभ नही मिल पाया है। जब पार्षद से कहा जाता है तो वे साल भर के बाद कार्ड उपलब्ध कराने की बात करते है।
क्या कहती हैं वार्ड पार्षद:
वार्ड पार्षद सुदामा देवी की कमान उनके पति राशो पासवान संभाल रहे हैं। पार्षद पति रासो पासवान ने बताया कि उनके वार्ड में सड़कों का बेहद अभाव है। इस योजना के तहत 42 लाख तथा अन्य योजना से उनके वार्ड में 35 लाख रुपये आवंटित की गयी है। उन पैसों से प्राथमिकता के तौर पर स्टेशन से ईटहरा जाने वाली, हृदयपुर से नुनिया पासवान टोला, राय टोला से जय प्रकाश नगर तक जाने वाली सड़क का निर्माण कराया गया है। पार्षद पति यह भी बताते हैं कि उनके वार्ड में गरीबी की समस्या बहुत है। लोगों को ठीक ढंग से रहने के लिए घर भी नही है। लेकिन इन समस्याओं से निजात पाने के लिए नप से पर्याप्त आवंटन नही मिल पा रहा है।
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